ओमान की यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां के व्यापारियों को भारत में निवेश करने का न्योता दिया है। उन्होंने कहा कि भारत में निवेश के लिये बेहतर माहौल बनाए गए हैं और ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस के तहत सुधार के कई कदम भी उठाए गए हैं।
उन्होंने ओमान और भारतीय सीईओ की बैठक में लगभग 50 ओमानी सीईओ को संबोधित करते हुए कहा, '21वीं शताब्दी के लिए भारत को तैयार करने और वैश्विक विनिर्माण हब बनाने के लिए सुधार के कई कदम उठाए गए हैं।'
उन्होंने कहा कि भारत ज्ञान आधारित तकनीकी रूप से संचालित समाज है, जहां ओमानी व्यापारियों के लिए कई अवसर मौजूद हैं।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर कहा, 'चार दिनों में चार दशों की यात्रा से खाड़ी और पश्चिम एशिया में हमारी स्थिति मजबूत होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने मस्कट में ओमान-भारत व्यापार बैठक के साथ दिन की शुरुआत की जहां भारत को उन्होंने एक आकर्षक गंतव्य बताया।'
तीन-चार वर्षो में सरकार की ओर से बड़े सुधार कार्यक्रमों की ओर इशारा करते हुए, मोदी ने बताया कि ग्लोबल स्टार्ट-अप में भारत ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है।
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ओमान के सुल्तान कबून बिन साद अल साद के साथ रविवार को हुए मुलाकात में मोदी ने ओमान के विकास में भारतीय कामगारों की भूमिका की सराहना की।
ओमान में लगभग 8 लाख कामगार रहते हैं और मोदी ने सोमवार को समुदायिक बैठक में खाड़ी दशों को विकास में इन लोगों के योगदान की सराहना की।
मोदी और सुल्तान के बीच बैठक में भारत और ओमान के बीच 8 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।
इस दौरान स्वास्थ्य, आउटर स्पेस, कूटनीति, रक्षा अध्ययन और विश्लेषण के तीन समझौता ज्ञापन पत्र पर भी हस्ताक्षर किए गए।
दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग एक मुख्य रणनीतिक साझेदार बनकर उभरा है।
ओमान खाड़ी में भारत का रणनीतिक साझेदार है और खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी), अरब लीग और हिंद महासागर रिम संघ (आईओआरए) के बीच मध्यस्त की महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
मोदी पश्चिम एशिया और खाड़ी देशों की यात्रा के अंतिम पड़ाव के तहत यहां रविवार शाम को आए थे। इससे पहले उन्होंने फिलिस्तीन और संयुक्त अरब अमीरात(यूएई) की भी यात्रा की थी।
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Source : IANS