फ्रांस के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी पेरिस में शुक्रवार को आयोजित होने वाले फ्रांसीसी राष्ट्रीय दिवस समारोह में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के विशेष अतिथि बने. फ्रांस में बैस्टिल डे राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह फ्रांसीसी चेतना का प्रतीक है. यह दिन 1789 में फ्रांसीसी क्रांति के दौरान बैस्टिल जेल पर हमले की याद दिलाता है. समारोह में बैस्टिल दिवस परेड मुख्य आकर्षण का केंद्र है. भारत 269 सदस्यों वाला त्रि-सेवा दल इस परेड का भाग होगा. इस मौके पर फ्रांसीसी जेट विमानों के संग भारतीय वायु सेना के तीन राफेल लड़ाकू विमान भी फ्लाईपास्ट में शामिल होने वाले हैं. एलिसी पैलेस (फ्रांस का राष्ट्रपति आवास) में पीएम मोदी का औपचारिक स्वागत किया गया है.
I thank President @EmmanuelMacron and Mrs. Macron for hosting me at the Élysée Palace this evening. pic.twitter.com/OMhydyleph
— Narendra Modi (@narendramodi) July 13, 2023
इसके बाद उनके और मैक्रों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर पर वार्ता होनी है. एलिसी पैलेस जितना भव्य है. उतना ही ऐतिहासिक माना गया है. यह पैलेस 365 कमरे का है. इसमें 5 एकड़ का गार्डन है. इसमें 800 लोगों का स्टाफ मौजूद है. आइए हम आपको इस पैलेस से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों को बताने का प्रयास करते हैं.
यह महल चार वर्ष में बनकर तैयार हुआ था
इस महल का निर्माण 1718 में आरंभ किया गया था. इसे 1722 में पूरा कर लिया गया था. इसे फ्रांस की बेहतरीन कलाकृति का नमुना माना गया है. यह महल जब तैयार हुआ तो यह पेरिस के बाहर मौजूद था लेकिन अब फ्रांस के राष्ट्रपति का ये आधिकारिक आवास है.
कैसे एलिस पैलेस पड़ा नाम
फ्रांस की राजकुमारी बथिल्डे डी'ऑरलियन्स (Duchess of Bourbon) ने इस महल को 'एलिसी पैलेस' नाम दिया. उन्होंने इसे 1787 में 1,300,000 पाउंड में खरीदा था. फ्रांसीसी क्रांति में राजकुमारी फ्रांस से निकल गई. उनकी संपत्ति जब्त कर लिया गया था.
नेपोलियन बोनापार्ट ने खरीदा था महल
नेपोलियन बोनापार्ट ने 1808 में एलिसी पैलेस को खरीद डाला था. तब इसका नाम एलीसी-नेपोलियन रख दिया गया. बाद में वाटरलू की लड़ाई में हारने के बाद यह वापस पेरिस लौट आया. 22 जून 1815 को एलिसी पैलेस में अपने पदत्याग पर दस्खत कर दिए. नेपोलियन तीन दिन बाद महल छोड़कर सेंट हेलेना द्वीप पर चले गए.
Source : News Nation Bureau