PM Modi Russia Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस की यात्रा संपन्न करने के बाद मंगलवार शाम ऑस्ट्रिया पहुंच गए. जहां आज वह कई कार्यक्रमों में शामिल होंगे. इससे पहले पीएम मोदी ने रूस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मुलाकात की. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच खास केमेस्ट्री दिखाई दी. पीएम मोदी की इस यात्रा से दोनों देशों के बीच 9 अहम समझौतों पर दस्तखत हुए. इसमें फ्री ट्रेड से लेकर रुपये में कारोबार करने तक कई जरूरी डील शामिल हैं.
पीएम मोदी की यात्रा के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा कि पीएम मोदी की इस यात्रा का एजेंडा मुक्य रूप से आर्थिक रहा. इसके साथ ही रक्षा और सुरक्षा के मुद्दों पर भी चर्चा हुई. साथ ही कनेक्टिविटी कॉरिडोर को लेकर भी दोनों नेताओं के बीच चर्चा हुआ. पीएम मोदी और व्लादिमीर पुतिन के बीच चेन्नई-व्लादिवोस्टस्क कोरिडोर पर भी चर्चा हुई.
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ऊर्जा और उर्वरक सप्लाई पर भी रहा फोकस
पीएम मोदी की इस यात्रा के दौरान ऊर्जा और उर्वरक सप्लाई पर भी फोकस रहा. विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि, दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत में ऊर्जा और उवर्रक की सप्लाई पर फोकस किया गया. दोनों नेताओं के बीच दो घंटे तक शिखर वार्ता चली. इसमें 2030 तक 100 बिलियन डॉलर के कारोबार का लक्ष्य रखा गया.
पीएम मोदी ने उठाया सेना में भर्ती भारतीयों का मुद्दा
इस बीतचीत के दौरान पीएम मोदी ने रूस की सेना में भर्ती भारतीयों का मुद्दा भी उठाया. जिस पर जल्द कार्रवाई करने का रूस की ओर से भरोसा जताया गया है. इसके बाद रूस के राजदूत ने कहा, हम जानते हैं कि यह भारतीय पक्ष के लिए चिंता का विषय है. हम इस विशेष मुद्दे पर बातचीत में बहुत खुले हैं. उन्होंने कहा कि हम भारतीय चिंताओं के प्रति बहुत चौकस हैं और निश्चित रूप से, हम भारतीयों को युद्ध के मैदान में मरते हुए नहीं देखना चाहते. रूसी राजदूत ने कहा कि हमने रूसी सेना में भारतीयों को कभी भर्ती नहीं किया है और न ही करते हैं.
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उन्होंने कहा कि यह विशेष समस्या उन एजेंसियों, मध्यस्थों और घटिया लोगों से जुड़ी समस्या है जो सबसे पहले भारतीय नागरिकों को गुमराह करते हैं. वहीं विदेश सचिव ने कहा कि, रूस की सेना में कितने भारतीय हैं, इसके बारे में अभी तक सही जानकारी नहीं है. लेकिन जो आकड़े सामने आए हैं, उनसे लगता है कि रूसी सेना में 30 से 35 भारतीय लोग हो सकते थे. जिनमें से अब तक 10 लोग वापस लौट चुके हैं.
इन समझौतों पर लगी मुहर
पीएम मोदी की रूस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार से संबंधित गैर-टैरिफ व्यापार बाधाओं को खत्म करने की उम्मीद जताई गई है. इसके आलावा रूस और भारत ने अपनी राष्ट्रीय मुद्राओं का इस्तेमाल करके द्विपक्षीय निपटान प्रणाली विकसित करने पर सहमति बनाई है. वहीं उत्तर-दक्षिण अंतरराष्ट्रीय परिवहन गलियारे, उत्तरी समुद्री मार्ग और चेन्नई-व्लादिवोस्तोक समुद्री लाइन पर दोनों देश राजी हो गए हैं. इसके साथ ही खाद्य और उर्वरकों में द्विपक्षीय व्यापार की मात्रा में बढ़ोतरी पर भी दोनों नेताओं ने हस्ताक्षर किए हैं. भारत और रूस के बीच परमाणु ऊर्जा, तेल शोधन और पेट्रोकेमिकल समेत ऊर्जा के कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी है.
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साथ ही बुनियादी ढांचे के विकास, परिवहन इंजीनियरिंग, ऑटोमोबाइल उत्पादन और जहाज निर्माण, अंतरिक्ष में साथ काम करने पर भी दोनों देशों के बीच एग्रीमेंट हुआ है. साथ ही डिजिटल अर्थव्यवस्था, विज्ञान और अनुसंधान, शैक्षिक आदान-प्रदान और उच्च तकनीक कंपनियों के कर्मचारियों के लिए इंटर्नशिप पर भी दोनों नेताओं ने सहमति जताई है. वहीं दवाओं और उन्नत चिकित्सा उपकरणों के विकास और आपूर्ति में व्यवस्थित सहयोग को बढ़ावा देने पर दोनों नेताओं न मुहर लगा दी है. शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, संस्कृति, पर्यटन, खेल, स्वास्थ्य देखभाल को लेकर भी भारत और रूस के बीत अहम डील हुी है.
Source : News Nation Bureau