PM नरेंद्र मोदी ने आज यानी शुक्रवार को इटली में आयोजित जी7 समिट में हिस्सा लिया. भारत के तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा है. प्रधामंत्री मोदी ने सम्मेलन में कहा कि हमें प्रौद्दोगिकी को क्रिएटिव बनाना होगा न कि विघटनकारी. ऐसा करने पर ही हम एक समावेशी समाज की आधारशिला रख पाएंगे. प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऊर्जा, अफ्रीका-भूमध्यसागरीय शिखर सम्मेलन में भी हिस्सा लिया. इस सम्मेलन की मेजबारी खुद इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने की.
जी-7 शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र में अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले सप्ताह आप में से कई लोग यूरोपीय संसद के चुनावों में व्यस्त थे. कुछ मित्र आने वाले समय में चुनावों के उत्साह से गुजरेंगे. भारत में भी कुछ महीने पहले चुनाव का समय था. तकनीक के सर्वव्यापी उपयोग से पूरी चुनावी प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी बनी है. यह मेरा सौभाग्य है कि भारत की जनता ने मुझे लगातार तीसरी बार उनकी सेवा करने का अवसर दिया है. इस ऐतिहासिक जीत के रूप में भारत की जनता ने जो आशीर्वाद दिया है, वह लोकतंत्र की जीत है. यह पूरे लोकतांत्रिक विश्व की जीत है.
इक्कीसवीं सदी टेक्नोलॉजी की सदी है. मानव जीवन का शायद ही कोई ऐसा पहलु होगा जो टेक्नोलॉजी के प्रभाव से वंचित हो. एक तरफ जहाँ टेक्नोलॉजी मनुष्य को चाँद तक ले जाने का साहस देती है, वहीँ दूसरी ओर साइबर सुरक्षा जैसी चुनौतियां भी पैदा करती है. हमें मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि टेक्नोलॉजी का लाभ सभी वर्गों तक जाए.
Source : News Nation Bureau