प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे के बीच हुई द्विपक्षीय बातचीत में दोनों देशों ने वैश्विक आतंकी समूहों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई पर सहमति बनी।
मोदी और मे की बातचीत में पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह लश्कर-ए-तैय्यबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन के साथ अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क, अल कायदा और आईएस के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की दिशा में सहयोग बढ़ाने का फैसला लिया गया।
इस दौरान व्यापार, निवेश, द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा के साथ आर्थिक अपराध के मामलों का भी जिक्र हुआ।
बैठक में हुई बातचीत की जानकारी देते हुए विदेश सचिव ने बताया, 'बैठक में आर्थिक भगोड़े के मसले को लेकर भी बातचीत हुई और यह कई राजनयिक मामलों में शामिल था, जिस पर बातचीत की गई।'
सूत्रों के मुताबिक दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच हुई बैठक में भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण का भी मुद्दा उठा। हालांकि विदेश मंत्रालय की तरफ से दिए गए बयान में माल्या का नाम नहीं लिया गया।
माल्या मनी लॉन्ड्रिंग और बैंकों के साथ कथित रूप से धोखाधड़ी के मामले में भारत में वांछित हैं। माल्या भारतीय बैंकों का करीब 9,000 करोड़ रुपये लेकर फरार हो चुके हैं।
भारत के विदेश सचिव ने कहा, 'पीएम ने इस दौरान आतंकवाद, कट्टरपंथ और उग्रवाद को दोनों देश और दुनिया के लिए चुनौती बताया।' दोनों देशों के बीच सायबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति बनी।
विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए ब्रिटेन भारत के साथ रणनीतिक साझेदार बना रहेगा। मोदी और मे ने सीरिया से आ रही केमिलक अटैक की खबरों पर भी चिंता जताई।
गोखले ने कहा, 'उन्होंने दुनिया में कहीं भी और किसी के खिलाफ केमिकल अटैक का विरोध किया।'
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HIGHLIGHTS
- मोदी की ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे के साथ मुलाकात में व्यापार, निवेश, द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई
- इस दौरान अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद और आर्थिक अपराध के मामलों का भी जिक्र हुआ
Source : News Nation Bureau