अमेरिका के ह्यूस्टन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बड़े कार्यक्रम 'हाउडी मोदी' को बदनाम करने के लिए पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम इमरान खान के नापाक इरादे परवान चढ़ते नहीं दिख रहे हैं. उलटे पाकिस्तान खुद ही जेनेवा से लेकर न्यूयॉर्क तक अपने यहां के अल्पसंख्यकों पर अत्याचार और जबरन धर्मांतरण के खिलाफ बेनकाब हो रहा है. शनिवार को ईसाइयों और हिंदुओं पर हो रहे पाकिस्तान हुक्मरानों के अत्याचार के विरोध स्वरूप लोगों ने जबर्दस्त धरना-प्रदर्शन किया. इसके पहले बलूचिस्तान की आजादी के समर्थकों ने संयुक्त राष्ट्र समेत जेनेवा के संयुक्त राष्ट्र हाई कमीशन के बाहर धरना-प्रदर्शन किया था.
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भारत ने यूएन में दिखाया था पाकिस्तान को
पाकिस्तान के खिलाफ हो रहे इन धरना प्रदर्शनों को नरेंद्र मोदी सरकार की कूटनीतिक विजय के तौर पर देखा जाना चाहिए. गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान ने कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने का मुद्दा उठाते हुए भारतीय खासकर कश्मीरी मुसलमानों के मानवाधिकारों और उनके 'नरसंहार' का मुद्दा उठाया था. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के कश्मीर पर इस दुष्प्रचार का जवाब देते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने गिलगित-बालटिस्तान समेत बलूचिस्तान और सिंध में हिंदू-ईसाई-सिख अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों का कच्चा-चिट्ठा खोल कर रख दिया.
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पाकिस्तान के खिलाफ यूएन में ही खुला मोर्चा
यही नहीं, संयुक्त राष्ट्र में ही बलूचिस्तान और गिलगिट-बालटिस्तान के प्रतिनिधियों ने जबरन धर्मांतरण समेत ईश निंदा के नाम पर हो रहे मानवाधिकारों के हनन के लिए पाकिस्तान को पूरी दुनिया के सामने नंगा कर दिया. इनमें से सभी ने कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने का समर्थन करते हुए खुद को भारत का अभिन्न हिस्सा करार दे दिया. उसके बाद से पाकिस्तान के खिलाफ बलूचिस्तान और गिलगित-बालटिस्तान के कार्यकर्ताओं का धरना प्रदर्शन तेज हो गया. सभी ने इसके लिए स्विट्जरलैंड और जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय को ही चुना.
Switzerland:Pakistani Christians hold protest march from Palais Wilson,headquarters of Office of UN High Commission for Human Rights&ended it in front of UN office in Geneva,demanding equal rights in Pak&protesting against blasphemy law,forced conversion of Christian&Hindu girls pic.twitter.com/h332HtwaHg
— ANI (@ANI) September 21, 2019
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शनिवार को फिर निकाला गया पाकिस्तान के खिलाफ विरोध मार्च
इस कड़ी में शनिवार को पाकिस्तान के ईसाइयों ने संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार मुख्यालय से विरोध मार्च निकाला, जो जेनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय तक चला. विरोध मार्च में शामिल कार्यकर्ता पाकिस्तान में ईश निंदा कानून के दुरुपयोग और ईसाई और हिंदू लड़कियों के जबरन धर्मांतरण का विरोध कर रहे थे. जाहिर है इस तरह के धरना-प्रदर्शन से पाकिस्तान की हकीकत दुनिया के सामने आ रही है और भारत के खिलाफ उसके दुष्प्रचार की हवा निकल रही है. साथ ही पाकिस्तान की बेशर्मी को भी पोल खोल रही है. गौरतलब है कि भारत में जियारत के बड़े केंद्र अजमेर शरीफ के गद्दी नशीं हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने भी जेनेवा में ही पाकिस्तान को अपने गिरेबां में झांकने की नसीहत देते हुए भारत खासकर कश्मीरी और भारतीय मुसलमानों पर दुष्प्रचार से बाज आने को कहा था.
HIGHLIGHTS
- जेनेवा में शनिवार को फिर निकाला गया पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन.
- जबरन धर्मांतरण और ईशनिंदा कानूनों के दुरुपयोग पर पाकिस्तान को किया बेनकाब.
- संयुक्त राष्ट्र में भारत ने बलूचिस्तान और गिलगिट-बालटिस्तान पर खोला था कच्चा-चिट्ठा.