शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की अगली अध्यक्षता के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने चीन को बधाई दी. पीएम मोदी ने चीन का नाम लिए बगैर इशारों-इशारों में कह दिया कि कनेक्टिविटी पर संप्रभुता का सम्मान होना जरूरी है. पीएम मोदी ने कहा, जलवायु परिवर्तन हमारे लिए चिंता का विषय है. आर्थिक विकास को लेकर मजबूत कनेक्टिविटी की आवश्यकता है. किसी भी प्रोजेक्ट को लेकर संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान आधारभूत प्रोजेक्ट के लिए अहम है. पीएम मोदी ने कहा कि SCO को इस केस में गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है.
इससे पहले भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच अहम बैठक हुई. इसमें लद्दाख में गतिरोध के मुद्दों का निपटारा करने को लेकर दोगुने प्रयास करने तथा संबंधों में ‘स्थायित्व लाने एवं पुन: गति प्रदान’ करने का प्रण लिया. विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच कजाखिस्तान की राजधानी अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन से अलग गुरुवार को एक दिपक्षीय बैठक हुई. इसमें जयशंकर ने जोर देकर कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का सम्मान होना चाहिए.
ये भी पढ़ें: हाथरस भगदड़ पर पुलिस का बड़ा एक्शन, आयोजन कमेटी के 6 लोग गिरफ्तार, मास्टरमाइंड पर इतने लाख का इनाम
दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत में जयशंकर ने सीमा प्रबंधन को लेकर लेकर अतीत में दोनों पक्षों के बीच हुए संगत द्विपक्षीय समझौतों और नियमों का पूरी तरह पालन होने की जरूरत पर जोर दिया. विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, जयशंकर और वांग ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर अन्य मुद्दों के शीघ्र समाधान तलाशने के लिए गहन विचार विमर्श किया. द्विपक्षीय संबंधों में स्थिरता और संबंधों को नए सिरे से गति दी जा सके.
विदेश मंत्री ने भारत के इस नजरिए को दोहराते हुए कहा कि दोनों पक्षों के बीच संबंध आपसी सम्मान, आपसी हित और आपसी संवेदनशीलता तय होनी चाहिए. जयशंकर ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर लिखा कि आज सुबह सीपीसी पोलित ब्यूरो के सदस्य एवं विदेश मंत्री वांग यी से अस्ताना में बैठक की. उन्होंने कहा, सीमा क्षेत्रों पर शेष मुद्दों के शीघ्र समाधान की आवश्यकता है. कूटनीतिक और सैन्य माध्यमों से प्रयासों को दोगुना करने की जरूरत है.
Source : News Nation Bureau