प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अपने जापानी समकक्ष शिंजो आबे से आपदा के बाद पुनर्वास के लिए देशों का गठबंधन बनाने के प्रस्ताव पर समर्थन मांगा. इस द्विपक्षीय बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने इन्फ्रास्ट्रक्चर, रक्षा, अंतरिक्ष, डिजिटल अर्थव्यवस्था और स्टार्टअप्स समेत विभिन्न क्षेत्रों में अपने द्विपक्षीय गठजोड़ बनाते हुए बांग्लादेश, म्यांमार और केन्या जैसे अन्य तीसरे देशों में संयुक्त परियोजनाओं में दोनों देशों की संभावनाओं पर भी विचार-विमर्श किया.
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विदेश सचिव विजय गोखले ने यहां मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि उन्होंने मुंबई-अहमदाबाद हाइ स्पीड रेलवे की प्रगति और वाराणसी मेंकन्वेंशन सेंटर के निर्माण की समीक्षा भी की. इन परियोजनाओं का निर्माण जापान की मदद से किया जा रहा है. गोखले ने कहा कि बैठक के दौरान पीएम मोदी ने भारत में होने वाले सालाना द्विपक्षीय शिखर सम्मेलनइ के लिए आबे को अपने आमंत्रण की बात दोहराई और विभिन्न मंत्रालय स्तर की बैठकों और विविध आदान-प्रदान के माध्यम से इसकी तैयारी के महत्व पर प्रकाश डाला.
उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी ने खासतौर से भारत के पूर्वोत्तर में इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में जापान द्वारा किए जा रहे कार्यो की सराहना की.'
आबे के भारत दौरे से पहले होंगी कई अहम बैठक
विदेश सचिव ने बताया कि पिछले शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों देशों ने एक्ट ईस्ट फोरम का गठन किया था जिसकी बैठक तीन बार हो चुकी है और सेतु, वन परियोजनाओं और सड़क निर्माण परियोजनाओं समेत कई परियोजनाओं पर पहले से काम चल रहा है. उन्होंने बताया कि दोनों पक्ष इस बात से सहमत थे कि इस साल आबे के भारत दौरे से पहले कई अहम बैठकें होंगी, जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण पहला दो-दो मंत्री स्तरीय बैठक है.
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गोखले ने कहा, 'यह एक नया प्रारूप है जिस पर सहमति प्रधानमंत्री (मोदी) के पिछले साल जापान दौरे के दौरान बनी थी. इसके तहत दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्रियों की बैठक होगी और रक्षा, विदेश नीति और सुरक्षा संबंधी मसलों पर चर्चा होगी.'
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उन्होंने बताया, 'प्रधानमंत्री (मोदी) ने कहा कि हम अपने पड़ोस में संयुक्त परियोजनाओं की तलाश कर रहे हैं और एक अहम और प्रमुख परियोजना केन्या में संयुक्त रूप से एक कैंसर अस्पताल का निर्माण है. दोनों प्रधानमंत्री इस बात पर सहमत थे कि इस पर हमें आगे बढ़ना चाहिए.' गोखले ने बताया कि मोदी ने जापान से एक नई पहल के लिए भी समर्थन मांगा जिसकी शुरुआत इस साल बाद में की जाएगी. यह आपदा को लेकर लचीला इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए एक गठबंधन का प्रस्ताव है. गोखले ने बताया कि पहल के बारे में संक्षिप्त चर्चा में भारत के प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके लिए जापान की मदद अहम है क्योंकि उसे आपदा प्रबंधन और आपदा के बाद पुनर्वास, पुर्नसचरण का अनुभव है.