अयोध्या में 5 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) राम मंदिर का भूमि पूजन करने जा रहे हैं, लेकिन दर्द बांग्लादेश को हो रहा है. अयोध्या (Ayodhya) में बनने जा रहे भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के बारे में बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन (AK Abdul Momen) ने टिप्प्णी करते हुए रविवार को कहा कि भारत को श्रीराम मंदिर (Ram Mandir) के निर्माण पर रोक लगा देना चाहिए क्योंकि इससे उसके पड़ोसी देशों के साथ ऐतिहासिक गठबंधन को धक्का पहुंच सकता है. ऐसा संभवतः चीन से बढ़ती नजदीकी के कारण बांग्लादेश ने कहा है.
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हालांकि, बांग्लादेश राम मंदिर निर्माण को भारत का अंदरूनी मसला मानता है, लेकिन उसे डर है कि इसकी वजह से उसके देश में जनभावना को मायूसी हाथ लग सकती है. बांग्लादेश को इस बात का भी डर है कि कहीं इस मुद्दे को वहां का विपक्ष शेख हसीना सरकार के खिलाफ सियासी हथकंडे के रूप में न इस्तेमाल करे. यही वजह है कि राम मंदिर निर्माण से बांग्लादेश को दोस्ती में दरार का डर बांग्लादेश ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर दोनों देशों के संबंधों में दूरी आने की आशंका जताई है.
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रविवार को बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमिन ने इस संदर्भ में कहा कि भारत को ऐसे कदम उठाने से बचना चाहिए, जिससे दोनों पड़ोसी मुल्कों के ऐतिहासिक संबंधों में दरार पड़े. बांग्लादेश में राजनीतिक जानकारों को लगता है कि 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू होने के बाद बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के सियासी विरोधियों को उनके खिलाफ नया राजनीतिक हथियार मिल सकता है. राम मंदिर निर्माण का जिक्र करते हुए बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने कहा है कि दोनों देश अपने ताल्लुकात नहीं बिगड़ने देंगे. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि भारत को ऐसे किसी भी कार्य से बचना चाहिए, जिससे कि दोनों देशों की गहरी दोस्ती में खलल पड़े.
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हिंदू में छपी खबर के मुताबिक बांग्लादेशी विदेश मंत्री ने कहा है कि 'हम इसके (राम मंदिर निर्माण) चलते आपसी संबंध नहीं बिगड़ने देंगे, लेकिन मैं अभी भी कहूंगा कि भारत को कुछ ऐसा नहीं होने देना चाहिए, जिससे कि हमारे सुंदर और गहरे संबंधों में दरार पड़े. यह हम दोनों देशों पर लागू होता है और मैं कहूंगा कि दोनों ओर से इस तरह से काम होना चाहिए कि इस तरह की अड़चनों को टाला जा सके.' जानकारी के मुताबिक बांग्लादेशी विदेश मंत्री ने ये भी कहा कि दोनों देशों में सभी वर्गों के लोगों की यह जिम्मेदारी है कि अच्छे ताल्लुकात बरकरार रखें, क्योंकि ऐसे मामलों में सरकारें अकेले कुछ नहीं कर सकतीं.
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इस दौरान बांग्लादेश ने वहां की पीएम शेख हसीना और पाकिस्तानी पीएम इमरान खान के बीच पिछले हफ्ते टेलीफोन पर हुई बातचीत का भी यह कहकर बचाव किया कि इसमें कुछ भी असामान्य नहीं है. बांग्लादेश ने फिर दोहराया कि यह सिर्फ एक शिष्टाचार का मसला है. बांग्लादेश के विशेषज्ञों का मानना है कि भारत 'दो-राष्ट्र सिद्धांत' की ओर बढ़ रहा है. उनका कहना है कि हालांकि, मंदिर निर्माण भारत का आंतरिक मसला है, लेकिन उसके पड़ोसी मुल्कों पर इसका भावनात्मक असर पड़ेगा.