PM on Strike: किसी भी देश के पीएम का काम होता है. देश की सुरक्षा और विकास के लिए काम करना. इसके लिए हो रही सभी समस्यों को दूर करना और सही व्यवस्था बनाए रखना. लेकिन अगर मैं कहूं कि दुनिया में एक ऐसा नजारा देखने को मिला जो किसी भी देश में आज तक नहीं हुआ है. यूरोप का एक ऐसा देश जहां पीएम खुद हड़ताल पर चली गई. जी, हां आप सही सुन रहे हैं. 24 अक्टूबर को एक छोटे से देश आइसलैंड की पीएम काटरिन याकब्सडॉटिर हड़ताल पर चली गई. लेकिन ऐसा क्या हुआ कि पीएम को हड़ताल पर जाना पड़ा.
काम से किया इंकार
आइसलैंड की पीएम याकब्सडॉटिर हड़ताल पर चली गई. बताया जा रहा है कि यहां वो महिलाओं के अधिकार के समर्थन में विरोध कर रही थी. यहां महिलाएं देश में मिल रहे वेतन की असमानता और लिंग के आधार पर हो रही हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन कर रही थी. यहां मंगलवार को पीएम सहित हजारों महिलाओं ने काम करने से मना कर दिया. दरअसल, आइसलैंड में हेल्थ और एजुकेशन के क्षेत्र में अधिक संख्या में औरतें हैं जिसकी वजह से काम पर असर रहा और लोगों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ा.
इस पर आइसलैंड के पीएम ने कहा कि मैं मंगलवार को काम नहीं करूंगी और मुझे पुरा भरोसा है कि केबिनेट में मौजूद अन्य महिलाएं इस साथ देंगी. एक रिपोर्ट के अनुसार एजुकेशन फील्ड में ज्यादातर महिलाएं हैं इतना ही नहीं प्लेस्कूल में टीचर्स लगभग 94 प्रतिशत है.
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट
हड़ताल करने वालों ने कहा कि देश में लिंग भेदभाव बड़ा है वहीं महिलाओं के खिलाफ अपराध भी बढ़े हैं. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट बताती है कि आइसलैंड में 22 प्रतिशत महिलाएं यौन हिंसा का शिकार हो रही है. वहीं वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के अनुसार लिंग समानता इंडेक्स में आइसलैंड दुनिया का सबसे अच्छा देश हैं.
Source : News Nation Bureau