पोलैंड सरकार ने घोषणा की है कि वह पत्रकारों के लिए बेलारूस के साथ सीमा क्षेत्र में 3 किलोमीटर के प्रतिबंधित क्षेत्र को फिर से खोल देगी. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार सितंबर में इस क्षेत्र में आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी गई थी, जब बड़ी संख्या में मध्य पूर्व के प्रवासियों ने पोलैंड और बेलारूस के बीच भूमि सीमा का उपयोग करके यूरोपीय संघ (ईयू) में प्रवेश करने की कोशिश की थी. ये लोग शरणार्थी की स्थिति के लिए आवेदन करना चाहते थे.
पोलैंड और यूरोपीय संघ के अधिकारी यूरोपीय संघ के क्षेत्र में शरणार्थियों के अनधिकृत प्रवेश को रोकने के लिए दृढ़ हैं. पोलैंड के अधिकारियों ने भी पत्रकारों और सहायता कर्मियों को प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करने से रोक दिया था. उप गृह मंत्री ब्लाजेज पोबोजी ने कहा कि 1 दिसंबर से क्षेत्र तक पहुंचने के इच्छुक पत्रकारों को विशेष मान्यता की आवश्यकता होगी और उनके प्रवास के दौरान बॉर्डर गार्ड भी साथ होगा. नए नियम कम से कम 1 मार्च तक लागू रहेंगे.
नवंबर में सीमा संकट तब बढ़ गया था, जब लोगों के बड़े समूहों ने बेलारूस से पोलैंड में पार करने की कोशिश की. यूरोपीय संघ ने प्रतिबंधों के प्रतिशोध के रूप में प्रवासियों को सीमा पर भेजने के लिए बेलारूस को दोषी ठहराया है. हालांकि मिन्स्क ने आरोप से इनकार करते हुए कहा कि वह इस मुद्दे को हल करने के लिए काम कर रहा है.
HIGHLIGHTS
- सितंबर में क्षेत्र में आपातकाल की स्थिति घोषित
- ब्रिटेन ने अपने सैनिक पोलैंड की सीमा पर भेजे
- शरणार्थियों को हिंसा के लिए उकसाने का आरोप