पाकिस्तान पुलिस ने 25 वर्षीय सिख युवक की हत्या के मामले का पर्दाफाश करने का दावा करते हुए कहा है कि घटना को मृतक की मंगेतर ने भाड़े के हत्यारों के जरिए अंजाम दिलाया क्योंकि वह उससे शादी नहीं करना चाहती थी. देश के उत्तर पश्चिमी प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में गत चार जनवरी को अज्ञात बंदूकधारियों ने परविंदर सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी. भारत ने इस घटना की कड़ी निन्दा की थी और दोषियों को कठोर सजा देने की मांग की थी. पुलिस ने कहा कि सिंह की हत्या के मामले का पर्दाफाश कर दिया गया है और घटना की साजिश में संलिप्तता के आरोप में उसकी 18 वर्षीय मंगेतर प्रेम कुमारी को गिरफ्तार किया गया है.
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एक्सप्रेस ट्रिब्यून को एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि कुमारी ने भाड़े के हत्यारों से सिंह की हत्या कराई क्योंकि वह उससे शादी नहीं करना चाहती थी. सिंह खैबर पख्तूनख्वा के शांगला जिले का निवासी था. अधिकारी ने कहा कि कुमारी ने हत्यारों को सात लाख रुपये देने का वायदा किया था. उन्होंने कहा कि धन का एक हिस्सा अग्रिम भुगतान के रूप में दिया गया था, जबकि शेष राशि बाद में दी जानी थी. सिंह और कुमारी की शादी 28 जनवरी को होनी थी. पुलिस ने शुरुआती जांच रिपोर्ट में कहा कि सिंह और कुमारी एक-दूसरे से प्रेम करते थे और उनकी सगाई उनकी मर्जी से हुई थी. दोनों ने शादी की तैयारियां भी शुरू कर दी थीं.
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इसने कहा कि हालांकि बाद में कुमारी की मित्रता एक मुस्लिम लड़के से हो गई. पुलिस ने बताया कि कुमारी ने सिंह को मरदान बुलाया और वह उसे एक घर में ले गई जहां लड़की के मुस्लिम मित्र और उसके साथियों ने सिंह की हत्या कर दी. सिंह के शव को हत्यारे मरदान से पेशावर ले गए और इसे चमकानी ग्रामीण क्षेत्र के पास खेत में फेंक दिया. पुलिस ने पांच जनवरी को वहां से शव बरामद किया. पुलिस ने बताया कि कुमारी मुस्लिम मित्र से शादी करने के लिए धर्मांतरण करने को भी तैयार हो गई थी. इसने कहा कि हत्या में शामिल अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं.
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प्रेम कुमारी का परिवार मरदान जिले के मुहल्ला शेरदाद आबाद में रहता है. उसका पिता हिन्दू और मां सिख है. सिंह मलेशिया में छह साल तक काम करने के बाद पाकिस्तान लौटा था. हत्या की घटना से एक दिन पहले गुरद्वारा ननकाना साहिब पर हमला हुआ था. भारत ने गत रविवार को इस घटना को अल्पसंख्यक सिख समुदाय के सदस्य की ‘‘लक्षित हत्या’’ करार देते हुए इसकी कड़ी निन्दा की थी. मुस्लिम बहुल पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों की आबादी कुल आबादी की महज दो प्रतिशत है. पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को प्राय: निशाना बनाया जाता रहा है. अलकायदा और तालिबान से जुड़े आतंकवादी हिन्दू, सिख, ईसाई, अहमदिया और शिया समुदायों के सदस्यों को निशाना बनाते रहते हैं.
Source : Bhasha