पाकिस्तान की राजनीतिक पार्टियां नए सेना प्रमुख पर विवाद नहीं करेंगी

पाकिस्तान के नए सेना प्रमुख के अब विवाद मुक्त होने की उम्मीद है, क्योंकि लगता है कि पीटीआई ने आने वाले सेनाध्यक्ष (सीओएएस) के मुद्दे को विवादास्पद नहीं बनाने का फैसला किया है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नवाज शरीफ को भी वफादार सेना प्रमुख की खातिर वरिष्ठता से समझौता करने का सबक मिला था. द न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, शरीफ और पीएमएलएन के अन्य नेताओं ने अब अपने अनुभवों से महसूस किया है कि सेना प्रमुख के रूप में किसी को भी चुना जाए, उनसे वफादारी की उम्मीद करना त्रुटिपूर्ण है.

author-image
IANS
New Update
PAK PM

(source : IANS)( Photo Credit : Twitter)

Advertisment

पाकिस्तान के नए सेना प्रमुख के अब विवाद मुक्त होने की उम्मीद है, क्योंकि लगता है कि पीटीआई ने आने वाले सेनाध्यक्ष (सीओएएस) के मुद्दे को विवादास्पद नहीं बनाने का फैसला किया है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नवाज शरीफ को भी वफादार सेना प्रमुख की खातिर वरिष्ठता से समझौता करने का सबक मिला था. द न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, शरीफ और पीएमएलएन के अन्य नेताओं ने अब अपने अनुभवों से महसूस किया है कि सेना प्रमुख के रूप में किसी को भी चुना जाए, उनसे वफादारी की उम्मीद करना त्रुटिपूर्ण है.

अब यह स्वीकार किया गया है कि राजनीतिक कारणों से वरिष्ठता की अनदेखी ने नवाज शरीफ सहित किसी भी मुख्य कार्यकारी अधिकारी के लिए शायद ही काम किया हो. पीएमएलएन के एक सूत्र ने कहा, नवाज शरीफ ने लंदन में अपनी हालिया बैठकों के दौरान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को अपना दिमाग दिया है, जहां प्रीमियर उनसे मशविरा करने पहुंचे थे.

द न्यूज के मुताबिक, इस बार नए सेनाध्यक्ष की नियुक्ति में शहबाज शरीफ वरिष्ठता पर ज्यादा जोर देंगे. वरिष्ठ अधिकारियों के पास शीर्ष दो चार सितारा सैन्य पदों को प्राप्त करने का एक बेहतर मौका होगा. ये पद हैं सेनाध्यक्ष और ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष.

इन नियुक्तियों को शुरू करने की प्रक्रिया 18 नवंबर के बाद शुरू होने की संभावना है. सरकार भले ही अगले कुछ दिनों में इन नियुक्तियों को करने का फैसला करे, वरिष्ठता को अहमियत देने का नियम पीएमएलएन के फैसले को प्रभावित नहीं करेगा. इन नियुक्तियों की घोषणा से पहले पीएमएलएन सार्वजनिक रूप से इस मुद्दे पर चर्चा करना पसंद नहीं करेगा.

कुछ हफ्ते पहले तक पीटीआई प्रमुख इमरान खान को शीर्ष सैन्य पद के लिए एक लेफ्टिनेंट जनरल के बारे में अपनी आपत्ति थी. हालांकि, केवल इमरान खान ही नहीं, बल्कि अन्य सभी पीटीआई नेताओं ने कहा है कि जो भी सेना प्रमुख के रूप में नियुक्त किया जाएगा, वे उसका समर्थन करेंगे. खान, विशुद्ध रूप से राजनीतिक कारणों से अब केवल एक नया सेना प्रमुख चुनने में नवाज शरीफ की क्षमता पर सवाल उठा रहे हैं.

यह स्थिति इस कारण उत्साहजनक है कि नए सेना प्रमुख को अपने राजनीतिक लाभ के लिए अनावश्यक रूप से किसी भी पक्ष द्वारा राजनीति में नहीं घसीटा जाएगा.

नवाज शरीफ और शहबाज शरीफ के बीच हुई लंदन की बैठकों के संबंध में नए सेना प्रमुख पर राजनीतिक टिप्पणी और सार्वजनिक चर्चाओं को नजरअंदाज करने का निर्णय लिया गया.

द न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा की नियुक्ति में विस्तार का सुझाव देने वालों से बचने के लिए भी सहमति हुई, जिन्होंने इस महीने के अंत तक अपनी सेवानिवृत्ति की घोषणा कर दी है.

एक सूत्र ने कहा कि वर्तमान सरकार और नेशनल असेंबली को भंग करने, जल्दी चुनाव कराने, छह महीने के लिए अंतरिम सरकार की स्थापना आदि जैसी मांगों या सुझावों को लंदन के विचार-विमर्श में खारिज कर दिया गया था.

नवाज शरीफ के हवाले से कहा गया था कि इस मुद्दे पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा, भले ही सरकार हटा दी जाए या कोई अन्य चरम कदम उठाया जाए.

रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले हफ्ते की शुरुआत तक पीएमएलएन के शीर्ष नेतृत्व की स्थिति तनावपूर्ण थी, लेकिन अब उनके तनाव के कारण कम हो गए हैं.

Source : IANS

World News pakistan imran-khan Political parties of Pakistan new army chief
Advertisment
Advertisment
Advertisment