पोप फ्रांसिस (Pope Francis) ने गुरुवार को अमेरिका (America) और ईरान (Iran) से संयम बरतने का आग्रह करते हुए आगाह किया कि इससे पश्चिम एशिया में बड़ा संकट खड़ा हो सकता है. पोप ने वेटिकन राजनयिकों को अपने सालाना भाषण में कहा कि ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव के बाद पूरे क्षेत्र से मिल रहे संकेत खासतौर पर चिंता पैदा करने वाले हैं.
ईरान ने बुधवार को इराक में अमेरिका तथा अन्य दूसरे देशों के सैनिकों के दो ठिकानों पर 22 बैलिस्टिक मिसाइल दागी थीं. उसका यह हमला अमेरिका द्वारा पिछले सप्ताह ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी को मारे जाने के बदले में उठाया गया माना गया. पोप फ्रांसिस ने कहा कि हमले से इराक में पुनर्निर्माण की सतत प्रक्रिया को खतरा पैदा हो सकता है तथा ऐसे बड़े संकट की चिंगारी लग सकती है जिसे हम सभी टालना चाहते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि मैं इसलिए अपनी अपील दोहराता हूं कि सभी इच्छुक पक्ष संघर्ष को बढ़ने से रोकें और अंतरराष्ट्रीय कानून का पूरी तरह सम्मान करते हुए संवाद तथा आत्मसंयम की लौ जलाये रखें.
बता दें कि ईरानी कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद से ईरान और अमेरिका के बीच लगातार तनाव बढ़ता ही जा रहा है. इसके बाद ईरान की प्रमुख मस्जिदों पर लाल झंडे फहराए गए जिसका मतलब था कि हम इसकी जवाबी कार्रवाही करेंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को परमाणु शक्ति नहीं बनने देने की धमकी दी. इसके बाद ईरान ने एक बार फिर पलटवार करते हुए जवाब दिया, ईरान के एयरोस्पेस प्रोग्राम का नेतृत्व करने वाले ब्रिगेडियर जनरल आमिर अली हाजिजादेह ने कहा कि ईरान ने सैकड़ों मिसाइलें तैयार कर ली थी.
ईरान के अंतरिक्ष कार्यक्रम की अगुवाई करने वाले ब्रिगेडियर जनरल ने कहा कि बुधवार तड़के उनके बलों ने इराक में अमेरिकी ठिकानों पर 13 मिसाइलें ही दागी थीं, हालांकि वे सैकड़ों मिसाइलें दागने को तैयार थे. जनरल अमीर अली हाजीज़ादा ने ईरान के सरकारी टीवी से यह भी कहा कि उनके बलों ने उसी समय पर इराक में अमेरिकी सैन्य निगरानी सेवा पर साइबर हमले किए थे.
उन्होंने कहा कि मिसाइल हमले में अमेरिकी बलों के दर्जनों सैनिकों की मौत हुई है और जख्मी हुए हैं लेकिन इस अभियान के जरिए हमारा मकसद किसी की जान लेना नहीं था बल्कि दुश्मन के सैन्य तंत्र पर आघात करना था. बहरहाल, अमेरिका ने कहा है कि मिसाइल हमले में कोई अमेरिकी नहीं मारा गया है. इस बीच, यूरोपीय संघ के एक शीर्ष अधिकारी ने ईरानी राष्ट्रपति से ‘अपरिवर्तनीय कदमों’ से बचने का आग्रह किया है जो ईरान परमाणु समझौते को नुकसान पहुंचा सकता हैं.
इस समझौते का मकसद देश को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकना है. यूरोपीय काउंसिल के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल ने राष्ट्रपति हसन रूहानी से बात की. यह वार्ता यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों की शुक्रवार को होने वाली बैठक से पहले हुई है. इस बैठक में अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव पर चर्चा की जाएगी. यूरोपीय काउंसिल की ओर से बृहस्पतिवार को जारी बयान के अनुसार, रूहानी ने कहा कि उनका देश यूरोपीय संघ के साथ "करीबी सहयोग" जारी रखना चाहता है.
Source : Bhasha