अमेरिका (America) में पुलिस हिरासत में मारे गए अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड (George Floyd) के परिवार के लिए किए गए पोस्टमार्टम में पाया गया कि गले और पीठ पर दबाव के कारण सांस नहीं ले पाने के उसकी मौत हो गई. परिवार के वकील ने सोमवार को बताया कि मिनियापोलिस के एक पुलिस अधिकारी ने अपने घुटने फ्लॉयड की गर्दन पर तब तक गड़ाए रखे जब तक उसकी सांसे चलना बंद नहीं हो गईं.
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वकील बेन क्रंप ने बताया कि शव का परीक्षण करने वाले एक अन्य डॉक्टर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पाया गया कि दबाव के कारण फ्लॉयड के मस्तिष्क तक खून नहीं पहुंच पाया और उसकी पीठ पर अन्य अधिकारियों के घुटने से बनाए गए दबाव ने उसका सांस ले पाना मुश्किल कर दिया था. वकील ने पुलिस अधिकारी डेरेक चॉवीन के खिलाफ थर्ड डिग्री हत्या के आरोपों को बढ़ा कर चॉवीन तथा तीन अन्य अधिकारियों के खिलाफ फर्स्ट डिग्री हत्या के आरोप लगाने की मांग की.
अधिकारी के खिलाफ आपराधिक शिकायत में परिवार की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और आधिकारिक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में विरोधाभास है. एक राहगीर द्वारा बनाए गए वीडियो में अधिकारी, डेरेक चॉवीन अश्वेत व्यक्ति फ्लॉयड के गले पर अपने घुटने से दबाव बनाता दिख रहा है जबकि फ्लॉयड लगातार कहता रहा कि वह सांस नहीं ले पा रहा है और अंतत: उसने हिलना-डुलना बंद कर दिया. यह वीडियो सामने आने के बाद से पूरे देश में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं.
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फ्लॉयड परिवार के वकील ने सोमवार को बताया कि उसके परिवार के लिए किए गए पोस्टमार्टम में पाया गया कि गले और पीठ पर दबाव के कारण सांस नहीं ले पाने के चलते उसकी मौत हुई. क्रंप के पिछले सप्ताह कहा था कि वह परिवार के लिए पोस्टमॉर्टम की व्यवस्था करा रहे हैं.
गौरतलब है कि फ्लॉयड का परिवार, पुलिस द्वारा मारे गए अन्य अश्वेत लोगों के परिवारों की तरह, अपनी तरफ से पोस्टमॉर्टम कराना चाहता था क्योंकि उन्हें स्थानीय अधिकारियों पर एक निष्पक्ष शव परीक्षण का भरोसा नहीं था. परिवार की ओर से पोस्टमॉर्टम माइकल बाडेन और अलीशिया विल्सन ने किया था.
Source : Bhasha