कोरोना वायरस महामारी से गरीबी, भुखमरी और संघर्ष बढ़ने की आशंका: संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र की राजनीतिक प्रमुख रोजमैरी डिकार्लो और संयुक्त राष्ट्र के मानवतावादी मामलों के प्रमुख मार्क लोकॉक ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सामने महामारी के कारण दुनियाभर में पड़ने वाले असर की गंभीर समस्या के बारे में बात की है.

author-image
Dhirendra Kumar
एडिट
New Update
United Nations

United Nations ( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

United Nations के शीर्ष अधिकारियों ने सचेत किया है कि Coronavirus वैश्विक महामारी ने भेदभाव और अन्य मानवाधिकार उल्लंघनों को बढ़ा दिया है, जिससे संघर्ष और बढ़ सकते हैं तथा दुनिया के सबसे कमजोर देशों में इनके अप्रत्यक्ष परिणाम वायरस के प्रभाव से भी अधिक हो सकते हैं. संयुक्त राष्ट्र की राजनीतिक प्रमुख रोजमैरी डिकार्लो और संयुक्त राष्ट्र के मानवतावादी मामलों के प्रमुख मार्क लोकॉक ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सामने महामारी के कारण दुनियाभर में पड़ने वाले असर की गंभीर समस्या के बारे में बात की है. इस वैश्विक महामारी के कारण दुनिया भर में 8,60,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और दो करोड़ 60 लाख से अधिक लोगों के इससे संक्रमित होने की पुष्टि हुई है.

यह भी पढ़ें: जयशंकर ने रूस के विदेश मंत्री से की मुलाकात, इन मुद्दों पर हुई विस्तृत चर्चा

कोविड-19 संकट से पड़ेगा बेहद खराब प्रभाव
लोकॉक ने परिषद को सचेत किया कि कमजोर देशों में कोविड-19 संकट की वजह से आर्थिक एवं स्वास्थ्य पर पड़ने वाले अप्रत्यक्ष प्रभावों के कारण गरीबी बढ़ेगी, औसत आयु कम होगी, भुखमरी बढ़ेगी, शिक्षा की स्थिति खराब होगी और अधिक बच्चों की मौत होगी. उन्होंने कहा कि संक्रमण के लगभग एक तिहाई मामले मानवतावादी या शरणार्थी संकटों से जूझ रहे देशों या कमजोर देशों में सामने आए हैं, लेकिन ये देश महामारी से असल में कितने प्रभावित हैं, इस बात का अभी पता नहीं चल पाया है. लोकॉक ने कहा कि इसका कारण यह है कि इन देशों में जांच कम हो रही है, कुछ स्थानों पर लोग मदद नहीं मांगना चाहते, क्योंकि उन्हें शायद पृथक-वास में रहने की आशंका है या उन्हें इस बात का डर है कि उन्हें उपयोगी चिकित्सकीय उपचार नहीं मिलेगा.

यह भी पढ़ें: नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नॉमिनेट हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

उन्होंने कहा कि एक अच्छा समाचार यह है कि इन देशों में कोविड-19 के कारण मरने वाले लोगों की संख्या आशंका से कम है, लेकिन इसके अप्रत्यक्ष प्रभाव कहीं अधिक हैं. डिकार्लो ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने महामारी के दौरान जीवन रक्षा सहायता पहुंचाने के लिए वैश्विक स्तर पर संघर्ष विराम की 23 मार्च को जो अपील की थी, उसे शुरुआत में उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली और कोलंबिया एवं यूक्रेन से लेकर फिलीपीन और कैमरून ने अस्थायी संघर्ष विराम घोषित किया, लेकिन इनमें से कई संघर्ष विरामों की अवधि विस्तार नहीं दिए जाने के बाद समाप्त हो गई और जमीनी स्तर पर खास अंतर नहीं आया. उन्होंने कहा कि महामारी में मानवाधिकार संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं. डिकार्लो ने कहा कि महामारी के दौरान सोशल मीडिया का इस्तेमाल गलत जानकारी फैलाने के लिए किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस दौरान नफरत फैलाने वाला भाषण भी बढ़ा है, खासकर प्रवासियों और विदेशियों के खिलाफ.

coronavirus कोरोनावायरस United Nations poverty UN Coronavirus Epidemic Economic Slowdown यूएन आर्थिक मंदी गरीबी यूनाइडेट नेशंस
Advertisment
Advertisment
Advertisment