असीमित कार्यकाल के लिए चुने गए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पद को संभालते ही सीमा विवाद के मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है।
राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा,’चीन अपनी संप्रभुता की रक्षा करते हुए एक इंच भी जमीन नहीं छोड़ेगा।‘
भारत के साथ सीमा विवाद के अलावा चीन अपना दावा जापान के नियंत्रण वाले पूर्वी चीन सागर में विवादित आइलैंड पर करता है। इसके अलावा चीन ने विवादित दक्षिण चीन सागर पर भी कब्जा कर रखा है।
शी ने कहा, ‘चीन और चीनी नागरिकों के दृढ़ विश्वास को टूटने नहीं देंगे। हमारी जमीन का एक इंच भी चीन से बाहर नहीं जाएगा।‘
गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच लंबे समय से सीमा विवाद चला रहा है। जहां चीन अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताता रहा है वहीं नार्थ इस्ट के कई हिस्सों पर अक्सर चीनी सैनिकों के साथ टकराव की खबर आती रही हैं।
हाल ही में भारत और चीन के बीच डोकलाम विवाद इतना बढ़ गया था कि सीमा पर लगभग 73 दिनों तक लगातार गतिरोध बना रहा। इतना ही नहीं विवाद सैनिकों के बीच मामूली झड़प तक पहुंच गया।
बता दें कि वियतनाम, फिलिपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान भी दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करते हैं।
18 दिन तक चले संसद सत्र के आखिरी दिन के दौरान शी ने 30 मिनट का भाषण दिया।
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उन्होंने ताइवान के बयान के संदर्भ में, 'हमें देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करना चाहिए और देश के पूर्ण एकीकरण के उद्देश्य के लिए कार्यरत रहना चाहिए। यह सभी चीनी लोगों की आकांक्षा है और यह चीनी राष्ट्र के मौलिक सिद्धांतों के अनुरूप भी है।'
इससे पहले नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) के 2900 से अधिक सांसदों ने 11 मार्च को राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के अधिकतम दो कार्यकाल की समयसीमा को खत्म कर दिया।
इसके लिए चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) की ने संवैधानिक संशोधन का प्रस्ताव देकर मतदान किया था।
दो बार के कार्यकाल पर समयसीमा लगने के कारण शी को वर्ष 2023 तक सीपीसी प्रमुख, सेनाध्यक्ष और राष्ट्रपति के पद से रिटायर होना था।
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Source : News Nation Bureau