प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को सर्वोच्च न्यायालय की शक्तियां बहाल करने में सहायता के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई की सराहना की. मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात में कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान 44वां संविधान संशोधन किया गया था. यह महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि आपातकाल के दौरान जो 42वां संशोधन लाया गया था, इसमें सर्वोच्च न्यायालय की शक्तियों को कम करने और दूसरे ऐसे प्रावधान थे, जो हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन करते थे.
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उन्होंने कहा कि 44वें संशोधन में संसद और विधानसभाओं की कार्यवाही का समाचार पत्रों में प्रकाशन का प्रावधान किया गया. इसी के तहत, सर्वोच्च न्यायालय की कुछ शक्तियों को बहाल किया गया. इसी संशोधन में यह भी प्रावधान किया गया कि संविधान के अनुच्छेद 20 और 21 के तहत मिले मौलिक-अधिकारों का आपातकाल के दौरान हनन नहीं किया जा सकता है.
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उन्होंने देसाई का ऐसा प्रावधान लाने के लिए आभार जताया जिसमें पहली बार ऐसी व्यवस्था की गई कि मंत्रिमंडल की लिखित अनुशंसा पर राष्ट्रपति ही आपातकाल की घोषणा करेंगे, साथ ही यह भी तय किया गया कि आपातकाल की अवधि को एक बार में छ: महीने से अधिक नहीं बढ़ाया जा सकता. मोदी ने कहा कि स्वतंत्र भारत में संसद में सबसे अधिक बजट पेश करने का रिकॉर्ड मोरारजी भाई देसाई के ही नाम है.
Source : IANS