प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 17वें आसियान-भारत शिखर की बैठक की वियतनामी प्रधानमंत्री गुयेन जुआन फुक के साथ सह-अध्यक्षता करेंगे. भारत और 10 दक्षिणपूर्वी एशियाई देशों के संगठन आसियान को क्षेत्र का सबसे प्रभावशाली समूह माना जाता है. भारत, चीन, जापान और आस्ट्रेलिया इसके संवाद साझेदार हैं. लेकिन इस बार यह आसियान बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब दक्षिणी चीन सागर और पूर्वी लद्दाख में चीन का आक्रामक व्यवहार देखने को मिल रहा है.
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भारत ही नहीं, बल्कि कई आसियान देशों का दक्षिणी चीन सागर में चीन के साथ सीमा विवाद है. ऐसे में संभावना है कि चीन की विस्तारवादी नीति के खिलाफ आसियान-शिखर सम्मेलन में चर्चा हो सकती है. इस बार यह बैठक कोरोना वायरस महामारी के कारण आए आर्थिक संकट से उबरने और रणनीतिक संबंधों को व्यापक बनाने पर भी केंद्रित हो सकती है. बता दें कि आसियान में इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपीन, सिंगापुर, थाईलैंड, ब्रुनेई, वियतनाम, लाओस, म्यामां और कंबोडिया शामिल हैं.
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विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस शिखर बैठक में आसियान-भारत रणनीतिक साझेदारी की मौजूदा स्थिति की समीक्षा की जाएगी तथा संपर्क, समुद्री मार्ग संबंधी सहयोग, व्यापार एवं वाणिज्य, शिक्षा और क्षमता निर्माण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में हुई प्रगति पर विचार किया जाएगा. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस शिखर बैठक में शामिल नेता आसियान-भारत के बीच संबंध को मजबूत बनाने के उपायों पर चर्चा करेंगे और आसियान-भारत कार्य योजना (2021-2025) के अनुमोदन पर भी गौर करेंगे.
Source : News Nation Bureau