आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पशिनियन ने सोमवार को फेसबुक के जरिए घोषित किया कि वह और उनके परिवार के सदस्य कोरोनावायरस (Corona Virus) से संक्रमित पाए गए हैं. बीबीसी के मुताबिक, पशिनियन ने फेसबुक लाइव वीडियो के दौरान कहा, मुझमें कोरोना का कोई लक्षण नहीं था, मैंने जांच कराने का फैसला इसलिए किया क्योंकि मैं फ्रंटलाइन पर जाने की योजना बना रहा था. उन्होंने कहा, मैं यहां से जितना जरूरी होगा, उतना काम करूंगा, लेकिन आइसोलेशन में रहकर करूंगा. प्रधानमंत्री ने एक बार फिर देशवासियों से हमेशा फेसमास्क पहनने और नियमित रूप से हाथों को अच्छे से धुलने, साफ करने का आग्रह किया.
पिछले सप्ताह, आर्मेनिया में शुक्रवार को 460 मामलों के साथ बड़ा उछाल देखा, लेकिन पशिनियन ने कहा कि उनकी सरकार देशव्यापी लॉकडाउन के बारे में नहीं सोच रही है. आर्मेनियाई सरकार के अनुसार, देश में 3,396 लोगों के ठीक होने और 131 की मौत के साथ कोरोनावायरस के कुल मामले 9,282 हो गए हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा निर्धारित सामाजिक दूरी और अन्य स्वच्छता नियमों को बढ़ावा देना जारी रखेगी.
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ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन भी हो चुके हैं कोरोना वायरस से पीड़ित
यह कोई पहला मौका नहीं है जब किसी देश का प्रधानमंत्री भी कोरोना वायरस संक्रमण का शिकार बना हो. इसके पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके थे. बाद में वो क्वारंटीन में रहकर खुद को बचाने में कामयाब रहे, उन्होंने सोशल मीडिया पर इस बात की जानकारी दी थी कि वो कोरोना वायरस संक्रमण से पीड़ित हैं इसके बाद वो क्वारंटीन हो गए और डॉक्टरों की निगरानी में खुद को रखा और कोरोना वायरस संक्रमण को मात देकर बाहर निकले.
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ब्रिटेन के पीएम ने कोरोना वायरस को लेकर दी चेतावनी
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने चेतावनी दी है कि कोरोना वायरस के खिलाफ टीका मिलने की संभावना करीब एक साल दूर है और हो सकता है कि इसको नियंत्रित करने के लिए कभी टीका मिले ही नहीं. ब्रिटेन में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन को क्रमवार तरीके से हटाने को लेकर 50 पन्नों का नया दिशानिर्देश जारी किया था. इस दिशा निर्देश में प्रधानमंत्री ने कोविड-19 से सुरक्षा के साथ धीरे-धीरे कारोबार को दोबारा खोलने की योजना पेश की थी. इसमें अर्थव्यवस्था खुलने पर सामाजिक दूरी कायम रखने और अपने विवेक का इस्तेमाल करने पर जोर दिया गया था.