पाकिस्तान की इमरान खान सरकार (Imran Khan) के खिलाफ सोमवार को संसद (Pakistan National Assembly) में अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion) पेश किया गया था. गुरुवार यानि 31 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ संसद में बहस होनी थी. लेकिन अविश्वास प्रस्ताव को पेश किये जाने के बाद ही नेशनल एसेंबली की कार्यवाही 3 अप्रैल 2022 तक के लिए स्थगित कर दी गई. इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव विपक्ष के नेता शाहबाज शरीफ ने पेश किया.
अब पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग 3 अप्रैल को होगी. नेशनल असेंबली में इस प्रस्ताव पर चर्चा 31 मार्च से शुरू हो जाएगी. पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री शेख रशीद अहमद ने मंगलवार को यह जानकारी दी. मंत्री ने प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ अपना समर्थन दोहराया. इसके साथ-साथ उन्होंने सत्ताधारी पार्टी पीटीआई को समर्थन देने के लिए पीएमएल-क्यू में किसी भी तरह के झगड़े या फिर मतभेद को लेकर सामने आई रिपोर्ट का खंडन भी किया.
रशीद ने पीएमएल-क्यू के रुख की प्रशंसा की और कहा कि उन्हें उम्मीद है कि एमक्यूएम-पी भी सरकार का समर्थन करेगी. शेख रशीद ने कहा कि सुरक्षा बलों ने नापाक मंसूबों को पनाह देने वाले चार आतंकियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आतंकवादियों पर आतंकवाद विरोधी अदालतों में मुकदमा चलाया जाएगा. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि पीएम की रैली में भारी भीड़ यह बताती है कि पूरा देश पीएम इमरान खान के साथ खड़ा है.
बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को नेशनल असेंबली में कुल 161 मतों के साथ पेश किए जाने के बाद, कार्यवाही 31 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई. इमरान खान के खिलाफ विपक्ष ने 8 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था. विपक्ष को पूरी उम्मीद है कि उसका प्रस्ताव पारित किया जाएगा क्योंकि पीटीआई के कई विधायक इमरान खान के खिलाफ खुलकर सामने आ गए हैं.
इमरान खान के पास नहीं है बहुमत पाकिस्तान में सत्ता के आंकड़ों पर नजर डालें तो इमरान को पहले 176 सांसदों का समर्थन हासिल था, लेकिन 24 सांसदों के बागी होने के बाद अब इमरान सरकार के साथ 152 सांसद ही खड़े हैं. यानी 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में इमरान खान बहुमत के 172 के आंकड़े से काफी पीछे हैं.