जापान में होने वाले G-20 सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग पर दवाब बानने के लिए बुधवार को विरोध मार्च निकाला गया. सैंकड़ों प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को काले रंग के कपड़े पहन कर 19 देशों के प्रतिनिधियों को पत्र देकर आग्रह करने के लिए उनके दूतावासों तक विरोध मार्च निकाला. इस पत्र में शी जिनपिंग पर दवाब बनाने की मांग की गई है. समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने कहा, 'हम इन देशों से जी-20 सम्मेलन में चीन पर दवाब डालने, हांगकांग के मुद्दे उठाने, हांगकांग की स्वायत्ता की रक्षा करने और स्वतंत्र व्यापारिक माहौल देने और हांगकांग में व्यापार करने और रहने के अधिकारों की रक्षा की मांग करते हैं.'
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दरअसल लोगों का यह विरोध प्रदर्शन चीन के सहायक विदेश मंत्री झांग जुन के सोमवार के उस बयान के बाद सामने आया है जिसके अनुसार, उनका देश हांगकांग के मुद्दे पर सम्मेलन में चर्चा करने के लिए हांगकांग में विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं देगा क्योंकि यह उसका आंतरिक मामला है जिसमें किसी अन्य देश को दखल देने का कोई अधिकार नहीं है.
प्रदर्शनकारियों ने कहा, 'यह प्रमाणित करता है कि चीन हांगकांग के मुद्दे को नजरंदाज करना चाहता है, और इसीलिए हांगकांग के लोगों को गंभीरता से अन्य देशों से मिलकर उस मुद्दे को उठाने के लिए कहना चाहिए जिसे (चीन के राष्ट्रपति) शी जिनपिंग नजरंदाज करना चाहते हैं. हमें अन्य देशों से जिनपिंग से हांगकांग के लिए उनकी वर्तमान नीति की समीक्षा करने का दवाब डालने के लिए कहना चाहिए.'
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इस रणनीति के तहत हांगकांग के कार्यकर्ताओं ने 9 देशों के 13 अंतर्राष्ट्रीय अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए जन-सहयोग अभियान के तहत 6,40,000 डॉलर इकट्ठे किए, जिससे 28-29 जून को ओसाका में होने वाले जी-20 सम्मेलन के एजेंडो में विवादित प्रत्यर्पण विधेयक को शामिल किया जाए.