पुलित्जर पुरस्कार विजेता, हार्वर्ड प्रशिक्षित मनोचिकित्सक और बेस्ट सेलिंग लेखक चार्ल्स क्राउथ्मर का 68 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वह रूढ़िवादी टिप्पणीकारों के डीन के रूप में जाने जाते थे।
उनके निधन की खबर की पुष्टि उनके मित्र और साथी टिप्पणीकार ब्रेट बाएर ने की।
क्राउथ्मर फॉक्स न्यूज के एक कार्यक्रम के पैनलिस्ट टीम का हिस्सा रह चुके हैं।
उनके द्वारा अपने सहकर्मियों, मित्रों और दर्शकों के लिए आठ जून को लिखे पत्र के बाद गुरुवार को हुई उनकी मौत किसी के लिए अप्रत्याशित नहीं रही।
पत्र में कहा गया, 'मैं पिछले दस महीनों से चुप रहा। मैंने सोचा था कि जल्द ही यह चुप्पी खत्म हो जाएगी, लेकिन मुझे डर है कि मुझे अब आपको यह बताना होगा कि भाग्य ने मेरे लिए कुछ अलग निर्धारित कर रखा है।'
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फॉक्स न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, क्राउथ्मर को कैंसर था। पत्र में उन्होंने लिखा है कि उनके चिकित्सकों ने उन्हें बताया है कि वह कुछ सप्ताह ही जीवित रहेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई अब खत्म हो गई है।
क्राउथ्मर ने मनोचिकित्सा, भाषण लेखन, प्रिंट पत्रकारिता और टेलीविजन जैसे अलग-अलग क्षेत्रों में निपुणता हासिल की।
उन्होंने मनोवैज्ञानिक अनुसंधान और क्लीनिकल मेडिसीन के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए एडविन डनलप पुरस्कार जीता।
पत्रकारिता के क्षेत्र में उन्हें मिले पुरस्करा में 1987 में वाशिंगटन पोस्ट के कॉलम पर टिप्पणी के लिए उन्हें मिला पुलित्जर पुरस्कार और 1984 में द न्यू रिपब्लिक में उनके काम के लिए मिला राष्ट्रीय पत्रिका पुरस्कार शामिल है।
उनकी पुस्तक, 'थिंग्स द मैटर: थ्री डिकैड्स ऑफ पैशन, पासटाइम्स एंड पॉलिटिक्स', देखते ही देखते न्यूयॉर्क टाइम्स बेस्टसेलर बन गई, जो बिक्री के मामले में 10 सप्ताह तक पहले स्थान पर रही।
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Source : IANS