रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को ब्रिक्स देशों से कोरोना वायरस का टीका विकसित करने के लिए संयुक्त प्रयास का आह्वान किया है. उन्होंने सुझाव दिया कि रूस द्वारा विकसित कोविड-19 के टीके स्पुतनिक-5 का उत्पादन चीन और भारत में किया जा सकता है, जो पांच देशों के समूह के सदस्य हैं.
पुतिन ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए 12वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "हमारा मानना है कि ब्रिक्स देशों द्वारा टीकों के विकास और अनुसंधान के लिए केंद्र की स्थापना को गति देना महत्वपूर्ण है, जिसे हम अपने दक्षिण अफ्रीकी दोस्तों की पहल पर करने के लिए सहमत हुए थे." इस शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग, ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने भाग लिया.
इसकी मेजबानी राष्ट्रपति पुतिन ने की. ‘स्पुतनिक न्यूज’ के मुताबिक, पुतिन ने कहा कि रूस का स्पुतनिक-5 टीका जो अगस्त में पंजीकृत किया गया था, उसका उत्पादन ब्रिक्स के दो सदस्य देशों चीन और भारत में किया जा सकता है. पुतिन ने कहा, ‘‘रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष ने स्पुतनिक-5 वैक्सीन के नैदानिक परीक्षणों के संचालन को लेकर अपने ब्राज़ीली और भारतीय साझेदारों के साथ समझौते किए हैं.
इसने चीन और भारत में दवा कंपनियों के साथ एक समझौता भी किया है ताकि इन देशों में टीके का उत्पादन शुरू किया जा सके, जिससे न केवल उनकी जरूरतें पूरी होंगी, बल्कि वे अन्य देशों की भी मदद कर सकेंगे.’’
गौरतलब है कि 11 अगस्त को रूस कोरोना वायरस के टीके को पंजीकृत कराने वाला दुनिया का पहला देश बन गया, जिसका नाम स्पुतनिक-5 है. गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ने इस टीके को विकसित किया है, जबकि रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) विदेशों में इस टीके के उत्पादन और संवर्धन में निवेश कर रहा है. वेक्टर रिसर्च सेंटर द्वारा निर्मित एक अन्य रूसी टीका एपिकोरोनावैक अक्टूबर में पंजीकृत किया गया था.
Source : Bhasha