Advertisment

QUAD ने पूर्वी लद्दाख में चीनी आक्रामकता पर की चर्चा, ड्रैगन तिलमिलाया

क्वाड नेताओं का लद्दाख मुद्दे पर रुख सहानुभूति वाला रहा. यह बात चीन को जरूर चुभने वाली है. वह पहले से ही क्वाड को लेकर चिढ़ा हुआ है.

author-image
Nihar Saxena
एडिट
New Update
QUAD Summit

2007 की तरह चीन को लगी इस बार भी क्वाड से मिर्ची.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

2007 में क्वाड (QUAD) की मनीला वार्ता में जो बात चीन को अखरी थी, वही बात इस बार भी उभर कर सामने आई. शुक्रवार को क्वाड के पहले शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) ने साफ-साफ संकेत दिए कि चीन (China) पर सख्त निगाहें बनी रहेंगी. उन्होंने इशारों-इशारों में कह दिया कि भविष्य के लिए जरूरी है कि हिंद-प्रशांत (Indo-Pacific) क्षेत्र स्वतंत्र और खुला बना रहे. उन्होंने साफ किया कि अमेरिका (America) क्वाड देशों के साथ मिलकर काम करने को लेकर बेहद उत्सुक हैं. बाइडन ने इशारों में ही चीन का नाम लिए बगैर कहा कि हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति के लिए प्रतिबद्ध हैं. पहले क्वाड शिखर सम्मेलन में पूर्वी लद्दाख (Ladakh) सेक्टर में चीन की आक्रामकता पर भी चर्चा हुई. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक क्वाड नेताओं का इस मुद्दे पर रुख सहानुभूति वाला रहा. यह बात चीन को जरूर चुभने वाली है. वह पहले से ही क्वाड को लेकर चिढ़ा हुआ है. 

क्वाड समूह की निगाह है चीन के रुख पर
गौरतलब है कि क्वाड समिट में पूर्वी लद्दाख के मुद्दे पर ऐसे वक्त में चर्चा हुई जब शुक्रवार को ही भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैनिकों के पीछे हटने को लेकर कूटनीतिक स्तर की 21वीं बैठक हुई. उसमें दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति जाहिर की कि दोनों देशों को गतिरोध वाले सभी स्थानों से जल्द से जल्द सैनिकों की पूरी तरह वापसी के लिए आपसी स्वीकार्य हल पर पहुंचने के लिए बातचीत जारी रखनी चाहिए. बैठक के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी संकेत दिया कि क्वाड देशों का समूह महज सुरक्षा के मुद्दे पर नहीं जुड़ा रहेगा. भविष्य में ये समूह कई वैश्विक मुद्दों पर साथ मिलकर काम करेगा.

यह भी पढ़ेंः  Quad Summit : पीएम मोदी ने कहा- हमें एक साथ काम करना है

पीएम नरेंद्र मोदी ने दिया वसुधैव कुटुंबकम का संदेश
क्वाड में जो 4 देश हैं उनमें भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पहले क्वाड शिखर सम्मेलन को संबोधित किया. इस वर्चुअल समिट में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ऑस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा शामिल हुए. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने क्वाड समूह के पहले शिखर सम्मेलन में कहा, ‘हम अपने लोकतांत्रिक मूल्यों और मुक्त व समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर अपनी प्रतिबद्धता के लिए एकजुट हैं.’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज हमारे एजेंडा में वैक्सीन, क्लाइमेट चेंज और इमर्जिंग टेक्नॉलजी जैसे सेक्टर शामिल हैं, जो ‘क्वाड’ को वैश्विक भलाई की ताकत बनाते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘मैं इस सकारात्मक दृष्टिकोण को भारत के वसुधैव कुटुंबकम के दर्शन के विस्तार के तौर पर देखता हूं, जो कि पूरी दुनिया को एक परिवार मानता है.’

यह भी पढ़ेंः  दिल्ली में फिर कोरोना की लहर, 24 घंटे में 400 से ज्यादा नए केस

बाइडन ने पीएम मोदी से बात कर जताई खुशी
वर्चुअल समिट में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग के लिए ‘क्वाड’ महत्वपूर्ण मंच बनने जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘हम अपनी प्रतिबद्धताओं को जानते हैं... हमारा क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय कानून से संचालित है, हम सभी सार्वभौमिक मूल्यों के लिए प्रतिबद्ध हैं और किसी दबाव से मुक्त हैं लेकिन मैं हमारी संभावना के बारे में आशावादी हूं.’ बाइडन ने कहा, ‘क्वाड हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण क्षेत्र होने जा रहा है और मैं आने वाले वर्षों में आप सभी के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूं.’ बाइडन ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा, ‘आपको देख कर बहुत अच्छा लगा.’ जापान, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और भारत की सदस्यता वाले क्वाड समूह के नेताओं की बैठक में कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षित, सस्ते टीके निर्यात करने में भारत की निर्माण क्षमता बढ़ाने का मुद्दा अहम रहा.

यह भी पढ़ेंः  पश्चिम बंगाल: नादिया के इस गांव में पूजा-भजन करने पर मिलती है धमकी

चीन पहले भी जता चुका है विरोध
दरअसल इस बैठक के पहले ही चीन भांप गया था कि उसके दादागीरी वाले व्यवहार पर निशाना साधा जा सकता है. याद दिला दें कि चीन इस बैठक से पहले कह चुका है कि देशों को आपस में मिलने के दौरान आपसी मुद्दों पर बात करनी चाहिए न कि किसी थर्ड पार्टी को निशाना बनाना चाहिए. गौरतलब है कि गौरतलब है कि 2007 में पहली बार क्वाड देशों ने बैठक की थी, लेकिन चीन की दखलअंदाजी के चलते ये गठबंधन ठीक तरीके से नहीं चल पाया.

HIGHLIGHTS

  • अमेरिकी राष्ट्रपति ने बगैर नाम लिए चीन को चेताया
  • इशारों-इशारों में कहा ड्रैगन पर है क्वाड की नजर
  • हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्वतंत्रता का महत्व समझाया
PM Narendra Modi INDIA चीन भारत corona-vaccine joe-biden America पीएम नरेंद्र मोदी china अमेरिका Ladakh शी जिनपिंग जो बाइडन QUAD Indo Pacific Corona Epidemic कोरोना संक्रमण पूर्वी लद्दाख Scott Morrison स्कॉट मॉरिसन Yoshihide Suga योशीहिडे सुगा कोरोना वैक्
Advertisment
Advertisment