जुनैद अहमद के बड़े पैमाने पर चलाए गए सांप्रदायिक अभियान को भोथरा साबित करते हुए अमेरिका में भारतीय मूल के सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने इलिनॉयस प्रांत से डेमोक्रेटिक पार्टी के प्राइमरी चुनाव में जीत हासिल करने में सफलता प्राप्त की है. कृष्णमूर्ति को हराने के लिए उनके प्रतिद्वंद्वी जुनैद अहमद ने प्रचार के दौरान सांप्रदायिक कार्ड जमकर खेला था. इसके बावजूद कृष्णमूर्ति ने निर्णायक जनादेश हासिल किया. लोकप्रियता के घोड़े पर सवार कृष्णमूर्ति ने जुनैद अहमद को 71 प्रतिशत से अधिक वोटों से हराया.
कृष्णमूर्ति ने इस बड़ी जीत के बाद कहा, ‘मैं इस जीत से बेहद सम्मानित महसूस कर रहा हूं. इलिनॉयस प्रांत के आठवें जिले के डेमोक्रेटिक पार्टी के प्राइमरी मतदाताओं का आभारी हूं. आप लोगों ने मुझे दोबारा अमेरिकी कांग्रेस का सदस्य बनाने के लिए बड़ी संख्या में मेरे पक्ष में मतदान किया.’ कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘इलिनॉयस के लोग शांति, प्रगति और समृद्धि चाहते हैं. मैं कांग्रेस में मध्यम वर्ग के लोगों से जुड़े मुद्दों और महिलाओं के गर्भधारण संबंधी अधिकारों की बात करूंगा. इसके अलावा महंगाई और गैस की बढ़ती कीमतों के खिलाफ भी आवाज बुलंद करूंगा. आने वाले महीनों में इन मुद्दों को हल करने के लिए अथक प्रयास करना जारी रखूंगा.’
कृष्णमूर्ति के माता-पिता भारत के तमिलनाडु राज्य से आते हैं. हालांकि अमेरिकी कांग्रेस के तीन बार सदस्य रह चुके कृष्णमूर्ति का जन्म नई दिल्ली में हुआ था. प्राइमरी चुनाव में जीत के बाद अमेरिका में आठ नवंबर को होने वाले आम चुनाव में अब कृष्णमूर्ति का सामना रिपब्लिकन पार्टी के क्रिस डर्गिस से होगा. गौरतलब है कि कृष्णमूर्ति इलिनॉयस के 8वें जिले के लिए अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य बतौर 2017 से काम कर रहे हैं.
HIGHLIGHTS
- जुनैद अहमद के सांप्रदायिक अभियान को भोथरा साबित किया
- कृष्णमूर्ति ने जुनैद अहमद को 71 फीसद से अधिक वोटों से हराया