भारत-पाकिस्तान में कड़वाहट का कारण बने कश्मीर विवाद को देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी सुलझाने वाले थे लेकिन उसी दौरान उनकी हत्या कर दी गई। यह दावा पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने किया है।
जरदारी ने साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दोस्त बताते हुए कहा कि वह कश्मीर पर बात नहीं कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, 'मोदी का दोस्त कश्मीर पर बात नहीं कर सकता। कश्मीरियों को धोखा देने पर शरीफ को प्रधानमंत्री पद से हटाकर ठीक ही किया गया।' कुछ महीने पहले पनामा पेपर्स मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शरीफ को अयोग्य करार दिया था।
क्या है जरदारी का दावा?
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष जरदारी ने सोमवार को एक रैली में कहा, 'बीबी (बेनजीर भुट्टो) साहिबा ने 1990 में राजीव गांधी से बात की थी, जो दोस्ताना तरीके से कश्मीर मसले को सुलझाने पर सहमत हुए थे। राजीव ने बेनजीर से कहा था कि पिछले 10 साल में जनरल जिया सहित पाकिस्तान से किसी ने भी इस मुद्दे पर हमसे बात नहीं की।'
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उन्होंने कहा, 'उन्होंने (राजीव ने) माना था कि कश्मीर एक अहम मुद्दा है और इसे सुलझाया जाना चाहिए। राजीव ने कहा कि वह सत्ता में आने के बाद इस मुद्दे को पाकिस्तान के सामने उठाएंगे, लेकिन (1991 में) उनकी हत्या कर दी गई।'
आपको बता दें कि 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरूंबदूर में चुनाव प्रचार के दौरान राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी।
जरदारी ने कहा, बेनजीर के बाद 2008 से 2013 तक रही पीपीपी की सरकार ने मनमोहन सिंह के सामने कश्मीर का मुद्दा उठाया था। जरदारी ने कहा कि कश्मीर मसले पर मुशर्रफ की (भारत हितैषी) योजना को अन्य जनरलों ने खारिज कर दिया था।
उन्होंने कहा, 'कश्मीर पर मुशर्रफ की उस गोपनीय योजना की एक प्रति मेरे पास है। जब मुशर्रफ ने वह योजना अन्य जनरलों के सामने पेश की तो वे कमरे से बाहर चले गए।'
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Source : News Nation Bureau