बांग्लादेश द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ मुक्ति संग्राम में अपनी जीत के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में मनाये जा रहे कार्यक्रम के तहत बृहस्पतिवार को विजय दिवस परेड में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लिया. इस परेड में शानदार एरोबेटिक्स और रक्षा हथियारों का प्रदर्शन करते हुए सैन्य शक्ति को दर्शाया गया. बांग्लादेश के राष्ट्रपति एम अब्दुल हामिद और प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ-साथ राष्ट्रीय परेड ग्राउंड में मंत्रियों, राजनयिकों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति थी. परेड में भारतीय सेना के तीनों अंगों से 122 सदस्यीय त्रि-सेवा दल ने भी हिस्सा लिया.
भारतीय सेना ने जैसे ही मार्च पास्ट किया, परेड देखने आए लोगों ने उनका उत्साहवर्धन किया और 1971 के बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में भारत के योगदान को स्वीकार किया. अपनी तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर यहां आए राष्ट्रपति कोविंद बांग्लादेश के विजय दिवस की स्वर्ण जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय परेड ग्राउंड में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए. प्रधानमंत्री शेख हसीना को परेड ग्राउंड पर मार्च-पास्ट, फ्लाईपास्ट, एरोबेटिक्स प्रदर्शन, विभिन्न रेजिमेंट के शस्त्रों के प्रदर्शन और सशस्त्र बलों की टुकड़ियों की सराहना करते हुए देखा गया.
इससे पहले राष्ट्रपति हामिद और प्रधानमंत्री हसीना ने सावर स्थित राष्ट्रीय स्मारक पर माल्यार्पण कर मुक्ति संग्राम के शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी. आज के ही दिन 1971 में 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों का नेतृत्व कर रहे लेफ्टिनेंट जनरल आमिर अब्दुल्ला खान नियाजी ने ढाका में लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के नेतृत्व में भारतीय सेना के समक्ष आत्मसमर्पण किया था और पूर्वी पाकिस्तान को बांग्लादेश घोषित किया गया.
HIGHLIGHTS
- मुक्ति संग्राम के 50 साल पूरे
- राष्ट्रपति ढाका में बने मुख्य अतिथि