इटली में संविधान संशोधन पर जनमत संग्रह के लिए हो रहा है मतदान

बहुत से लोग इसे सरकार के खिलाफ असंतोष जाहिर करने के एक माध्यम के रूप में देख रहे हैं।

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Deepak Kumar
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इटली में संविधान संशोधन पर जनमत संग्रह के लिए हो रहा है मतदान

संविधान संशोधन पर जनमत संग्रह- Getty Image

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इटली में 68 साल पहले यानि की 1948 में संविधान बना था। बदलते वक़्त के साथ कई लोग इसमें संशोधन की गुंजाइश देखते हैं, इसलिए रविवार को जनमत संग्रह के लिए मतदान हो रहा है।

'बीबीसी' के अनुसार, इस जनमत संग्रह को 'ब्रेग्जिट' के बाद यूरोप में सत्ता विरोधी भावनाओं को जाहिर करने के माध्यम के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि इसका आह्वान इटली के प्रधानमंत्री मत्तेओ रेंजी ने किया है, लेकिन बहुत से लोग इसे सरकार के खिलाफ असंतोष जाहिर करने के एक माध्यम के रूप में देख रहे हैं।

'सीएनएन' के अनुसार, रेंजी (41) संविधान में संशोधन कर ऊपरी सदन सीनेट की शक्तियां कम करते हुए इसके सदस्यों की संख्या 315 से 100 सीमित करना चाहते हैं।

पॉपुलिस्ट पार्टियां संविधान में संशोधन नहीं होने के पक्ष में मतदान के लिए प्रचार कर रही हैं। हास्य कलाकार से राजनेता बने बेप्पे ग्रिलो की अगुवाई में सत्ता विरोधी फाइव स्टार मूवमेंट इसकी अगुवाई कर रही है।

विपक्षियों का कहना है कि सीनेट की शक्तियां कम होने की स्थिति में प्रधानमंत्री के हाथों में काफी शक्तियां आ जाएंगी।

वहीं, रेंजी का कहना है कि यदि वह इसमें हार जाते हैं, तो वह इस्तीफा दे देंगे। जनमत सर्वेक्षणों के अनुसार उनके हारने के आसार हैं।

सर्वेक्षणों के अनुसार, ग्रिलो को मौजूदा समय के व्यापक असंतोष का लाभ मिल सकता है, जैसा कि अमेरिका में ट्रंप को भी मिला। 2009 में शुरू हुए उनके आंदोलन को अब प्रत्यक्ष तौर पर रेंजी की वाम रूझान वाली मध्य मार्गी पार्टिटो डेमोकेट्रिको के समान ही समर्थन मिल रहा है।

विश्लेषकों को डर है कि यदि मध्यावधि चुनाव से ग्रिलो सत्ता में आते हैं, तो वह यूरो को खत्म करने और इतालवी मुद्रा लिरा की वापसी तथा ब्रिटेन की तर्ज पर यूरोपीय संघ से अलग होने को लेकर भी जनमत संग्रह का आह्वान कर सकते हैं।

Source : IANS

Referendum Amendment Italy Constitution
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