चीन (China) के प्रमुख शोध संस्थान में करीब 90 परमाणु वैज्ञानिकों ने अचानक इस्तीफा दे दिया है. इसके बाद से ही चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (XI Jinping) परेशान हो उठे हैं. इसके बाद सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ने मामले को प्रतिभा पलायन यानी 'ब्रेन ड्रेन' करार देते हुए जांच के आदेश दिए हैं. हालांकि अभी तक इस्तीफे की वजह सामने नहीं आई है लेकिन एकाएक हुए इतने इस्तीफे से पूरी दुनिया का ध्यान इसकी ओर लगा हुआ है. माना जा रहा है कि इन चीनी वैज्ञानिकों के हाथ कुछ अहम जानकारियां लगीं जिसके बाद उन्होंने एक साथ इस्तीफा देने का फैसला किया.
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जानकारी के मुताबिक इसके बाद से ही चीन के हेफी शहर में स्थित द साइंटिस्ट ऑफ द इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर एनर्जी सेफ्टी टेक्नोलॉजी (INEST) दुनियाभर में सुर्खियों में है. दरअसल हेफी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल साइंस चीन के सर्वोच्च सरकारी शोध संस्थान का हिस्सा है. इसे चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंस के नाम से जाना जाता है. यह संस्थान चीन के उन महत्वपूर्ण संस्थानों में से एक है जो अब तक 200 से ज्यादा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट्स में हिस्सा ले चुका है.
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अंदरूनी कलह आई सामने
दरअसल मामले में अंदरूनी कलह की खबर आमने आ रही है. संस्थान में करीब 600 लोग काम करते हैं. पिछले साल यही संस्थान एक वर्चुअल न्यूक्लियर पावर प्लांट बनाने को लेकर चर्चा में था, जिसका मकसद ऐसे केंद्रों की सुरक्षा व्यवस्था को और प्रभावी बनाना था. सूत्रों के मुताबिक संस्थान फंड की कमी के चलते बड़े प्रोजेक्ट हासिल नहीं कर पा रहा था, वहीं शोधकर्ताओं पर प्राइवेट कंपनियों की भी नजर थी. चीन के वाइस प्रीमियर 'लियू ही' ने व्यापक इस्तीफों की जांच के आदेश दिए हैं.
Source : News Nation Bureau