चीन का आक्रामक विस्तारवादी नीति से ना सिर्फ एशिया के देशों के साथ उसकी तनातनी चल रही है बल्कि अब अमेरिका ने मान लिया है कि उसे सबसे ज्यादा खतरा चीन से है. इसके बाद वह रूस और ईरान को अपना सबसे बड़ा विरोधी मानता है. अब अमेरिका ने नए सिरे से इन देशों के साथ निपटने की रणनीति बनाई है. अमेरिकी रक्षा विभाग गुआम और ऑस्ट्रेलिया में सैन्य सुविधाओं का उन्नयन और विस्तार करेगा. अमेरिका ने ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत क्षेत्र के कई द्वीपों पर इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करवाने और रोटेशपल बेस पर एयरक्राफ्ट की तैनाती की योजना बनाई है. चीन को रोकने के लिए अमेरिका अपने मित्र देशों के साथ गठजोड़ पर भी काम कर रहा है.
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'ऑकस' (AUKUS) से मिलेगा चीन को जवाब
चीन को जवाब देने के लिए नई रणनीति पर विचार किया जा रहा है. ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका ने हाल ही में एक त्रिपक्षीय सुरक्षा समझौते की घोषणा की है, जिसे 'ऑकस' (AUKUS) का संक्षिप्त नाम दिया गया है. इस गठबंधन का मुख्य उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति व्यवस्था को कायम रखने के लिए उठाया गया है. ऐसा नहीं है कि अमेरिका हाल में चीन को लेकर खुलकर विरोध कर रहा हो. इससे पहले अमेरिका चीन में मानवाधिकार के उल्लंघन के साथ ही ताइवान का मामला भी पुरजोर तरीके से उठाता रहा है.
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अमेरिका के रक्षा मंत्रालय पेंटागन के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक चीन लगातार अपनी सेना का आधुनिकिकरण कर रहा है. पेंटागन के एक अधिकारी ने सीएनएन से बात करते हुए कि चीन लगातार अपनी सेना को अपग्रेड कर रहा है. एक हफ्ते पहले ही अमेरिका की ओर से चीन के इन कदमों पर सोच विचार की थी.
Source : News Nation Bureau