पाकिस्तान की एक अदालत ने मानसिक रूप से बीमार एक दोषी को 18 जून को फांसी देने का आदेश दिया है. एक मानवाधिकार कानून कंपनी ने यह जानकारी दी है. डॉन न्यूज के अनुसार, शनिवार को जारी एक बयान में जस्टिस प्रोजेक्ट पाकिस्तान (जेपीपी) ने सरकार से 36 वर्षीय गुलाम अब्बास की फांसी पर रोक लगाने और मामले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है.
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2004 में एक पड़ोसी को चाकू मारने के आरोप में अब्बास को 31 मई 2006 को जिला एवं सत्र अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी. मौत की सजा पाने वाला अब्बास 13 साल से अधिक समय जेल में बिता चुका है.
अब्बास के लिए एक नई दया याचिका दायर की गई थी जिसमें राष्ट्रपति आरिफ अल्वी से उसकी फांसी की सजा पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया था. जेपीपी ने शनिवार को एक बयान में कहा, "अब्बास की फांसी पर जरूर रोक लगाई जानी चाहिए और व्यापक जांच के लिए उसे मानसिक स्वास्थ्य केंद्र में भेजा जाना चाहिए."
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इस बीच, मनोचिकित्सक मलिक हुसैन मुब्बशर, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ के रूप में इस मामले में सहायता करने के लिए नियुक्त किया है, उन्होंने कहा, "मेडिकल परीक्षण के रिकॉर्ड से पता चला है कि जेल प्रशासन ने इलाज के लिए उसे तेज एंटी-साइकोटिक दवाईयां दी हैं."
मुब्बशर ने कहा कि अब्बास की मानसिक बीमारी अनुवांशिक है क्योंकि उसका पारिवारिक इतिहास मानसिक बीमारी का रहा है.
Source : IANS