मंकी पॉक्स के बाद अब दुनिया में जूनोटिक डिजीज का ख़तरा बढ़ रहा है. अकेले अफ्रीका में पिछले एक दशक में 63 फीसदी इसके मामले बढ़े है. इस डिसीज के बढ़ने पर WHO ने आगाह किया है. कहा - ये भी मंकी पॉक्स की तरह जानवरों से इंसानो में फैलती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आगाह किया है कि अफ्रीका में जानवरों से इंसानों में फैलने वाले रोग यानी जूनोटिक डिजीज के मामले बढ़ रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) द्वारा जारी ताजा विश्लेषण के अनुसार पिछले एक दशक (2012-2022) में इन बीमारियों के मामलों में 63 फीसदी की वृद्धि हुई है।
अपने इस विश्लेषण में डब्लूएचओ ने 2001 से 2011 में आए जूनोटिक डिजीज के मामलों की तुलना 2012 से 2022 में सामने आए मामलों से की है। इस विश्लेषण में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि अफ्रीका अफ्रीका जूनोटिक बीमारियों के बढ़ते प्रकोप का सामना कर रहा है।
एक अनुमान के मुताबिक यह बीमारियां दुनिया भर में हर साल करीब 33 लाख लोगों की जान ले रही हैं, जबकि पिछले 100 वर्षों में इनकी वजह से 7 करोड़ से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी हैं। यदि पिछले 100 वर्षों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो औसतन हर साल करीब 2 वायरस अपने प्राकृतिक वातावरण से निकलकर इंसानों में फैल रहे हैं, लेकिन प्रकृति के विनाश की बढ़ती दर इनके फैलने के खतरे को भी और बढ़ा रही है।
विश्लेषण से पता चला है कि 2001 से 2022 के बीच अफ्रीकी में 1,843 मामले सामने आए थे जब बीमारियों ने बड़े पैमाने पर लोगों को अपना निशाना बनाया था। आंकड़ों की मानें तो इनमें से तीस फीसदी घटनाएं जूनोटिक बीमारियों से जुड़ी थी। वहीं पिछले दो दशकों में इनकी संख्या में तेजी से इजाफा देखा गया है। विशेष रूप से 2019-2020 में इनमें अच्छी खासी वृद्धि दर्ज की गई थी। जब ऐसी घटनाओं में जूनोटिक बीमारियों की हिस्सेदारी बढ़कर 50 फीसदी पर पहुंच गई थी।देखा जाए तो 70 फीसदी प्रकोपों की वजह इबोला वायरस और रक्तस्रावी वायरल बुखार था। वहीं अन्य 30 फीसदी मामलों के लिए डेंगू, एंथ्रेक्स, प्लेग और मंकीपॉक्स जैसी अन्य जूनोटिक बीमारियां जिम्मेवार थी।
कैसे ये फैलती है ये बीमारी?क्या हैं इसके लक्षण? जानिए दिल्ली के मैक्स अस्पताल में इंटरनल मेडिसिन की एसोसियेट डारेक्टर डॉक्टर नमृता सिंह से.
TT - डॉक्टर नमृता सिंह,एसोसियेट डारेक्टर ,मैक्स अस्पताल , पंचशील पार्क, दिल्ली.
Source : Vaibhav Parmar