अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से बड़ी खबर सामने आई है. यहां एक के बाद एक कई रॉकेट दागे गए हैं. जानकारी के अनुसार यह रॉकेट हमला चमतलेह पावर स्टेशन को निशाना बनाकर किए गए हैं. वहीं, रॉकेट हमले के बाद आसपास के इलाके में हड़कंप मच गया है. हालांकि अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं मिली है. आपको बता दें कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां हालात लगातार बिगड़ते जा रही हैं. जबकि काबुल सबसे ज्यादा अशांत बना हुआ है. यहां पहले भी दो बार बड़े हमले हो चुके हैं.
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आपको बता दें कि इससे पहले 26 अगस्त को काबुल हवाईअड्डे पर को एक विस्फोट हुआ, जहां तालिबान के कब्जे के बाद देश से भागने की कोशिश कर रहे हताश अफगानों की भीड़ उमड़ पड़ी, जिसमें कई लोग हताहत हुए। पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने एक ट्वीट में कहा, हम काबुल हवाई अड्डे के बाहर विस्फोट की पुष्टि कर सकते हैं। इस समय हताहतों की संख्या स्पष्ट नहीं है. हम अतिरिक्त विवरण प्रदान करेंगे. हालांकि, तालिबान के एक नेता ने कहा कि विस्फोट में महिलाओं और बच्चों सहित कम से कम 11 लोग मारे गए और कई तालिबान गार्ड घायल हो गए. अफगान पत्रकार बिलाल सरवरी ने एक ट्वीट में कहा कि विस्फोट एक सीवेज नहर में हुआ, जहां अफगानों की जांच की गई थी. उन्होंने कहा, एक आत्मघाती हमलावर ने बड़ी भीड़ के बीच में खुद को उड़ा लिया। कम से कम एक और हमलावर ने गोली चलानी शुरू कर दी, इलाके में कई चश्मदीद गवाह और एक दोस्त ने मुझे इसके बारे में बताया। बीबीसी ने ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय के एक सूत्र के हवाले से कहा कि किसी भी ब्रिटिश हताहत होने की कोई रिपोर्ट नहीं है. यह घटना पश्चिमी देशों द्वारा हवाईअड्डे पर आतंकवादी हमले की चेतावनी के बीच हुई.
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द्धग्रस्त राष्ट्र में मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) ने गुरुवार को कहा कि 2021 में संघर्षों के कारण 634,000 से अधिक अफगान आंतरिक रूप से विस्थापित हुए हैं. समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने ओसीएचए के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा कि 12 सितंबर, 2021 तक कुल 634,800 लोगों को संघर्षों से विस्थापित होने की पुष्टि की गई थी, जिनमें से 282,246 विस्थापित लोगों को सहायता मिली थी. यह रिपोर्ट तब आई है, अगस्त के मध्य में तालिबान के देश पर कब्जा करने के बाद से अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थिति स्थिर बनी हुई है.
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