रूस (Russia) ने अपने परंपरागत दोस्त भारत के लिए फिर वैश्विक मंच पर सहृदयता दिखाई है. रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Sergey Lavrov) ने मास्को में प्रिमाकोव रीडिंग इंटरनेशनल फोरम में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में स्थायी सदस्यता के लिए भारत का समर्थन किया है. रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भारत की पैरवी के साथ तर्क देते हुए कहा कि भारत (India) ने वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर अपने ठोस और सकारात्मक रुख के साथ यूएनएससी की प्रतिष्ठा को बढ़ाया है. उन्होंने कहा, 'भारत को उसकी आर्थिक वृद्धि के कारण वैश्विक नेता भी माना जा सकता है. वर्तमान हालातों में भारत आर्थिक विकास के मामले में अग्रणी देशों में से एक है. आप भारत को आर्थिक विकास के क्रम में वैश्विक नेता भी कह सकते हैं. उसकी आबादी जल्द ही किसी भी अन्य देश की तुलना में बड़ी हो जाएगी. यही नहीं, नई दिल्ली के पास विभिन्न प्रकार की समस्याओं के समाधान के साथ-साथ अपने क्षेत्र में अधिकार और प्रतिष्ठा का विशाल कूटनीतिक अनुभव भी है.'
पहले से करता है भारत का समर्थन रूस
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने यह भी कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र में सक्रिय भूमिका निभाता है. इसके अलावा एशिया में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) जैसे समूहों का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. लावरोव ने कहा कि भारत इस बहुध्रुवीय दुनिया में यूएनएससी सरीखे महत्वपूर्ण मंच पर अपनी प्रभावी भूमिका निभाने का संकेत काफी समय से देता आ रहा है. गौरतलब है कि इसके पहले सर्गेई लावरोव ने कहा था कि एशियाई, अफ्रीकी और लातिन अमेरिकी देशों को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शामिल करने से उसका स्वरूप अधिक समावेशी और लोकतांत्रिक हो जाएगा. लावरोव ने 77वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के दौरान ये सिफारिशें की थीं. गौरतलब है कि चीन को छोड़कर यूएनएससी के चार अन्य सदस्य अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस ने भारत की पर्मानेंट सीट का समर्थन किया है.
यह भी पढ़ेंः Pakistan: अफगान सेना ने पाक क्षेत्र में दागे रॉकेट, छह नागरिकों की मौत
भारत-ब्राजील यूएनएससी की प्रतिष्ठा में और इजाफा करने में सक्षम
उन्होंने भारत और ब्राजील की ओर इशारा करते हुए कहा था कि ये दोनों देश प्रमुख अंतरराष्ट्रीय केंद्र हैं और इन्हें यूएनएससी में स्थायी रूप से शामिल करने पर विचार किया जाना चाहिए. लावरोव ने कहा कि बहुध्रुवीयता का प्रदर्शन करते हुए भारत, ब्राजील, जापान और जर्मनी के साथ यूएनएससी में शामिल होने के लिए अपनी दावेदारी लगातार पुख्ता कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि रूस जानता है कि भारत और ब्राजील यूएनएससी में बदलाव लाकर उसकी प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता में कितना इजाफा कर सकते हैं, क्योंकि दुनिया वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर उनके रुख को जानती है. संयुक्त राष्ट्र में यूके की राजदूत बारबरा वुडवर्ड ने भी कहा कि यूके भारत, जर्मनी, जापान और ब्राजील के साथ-साथ परिषद में स्थायी अफ्रीकी प्रतिनिधित्व के लिए स्थायी सीटों का समर्थन करता है. गौरतलब है कि सुरक्षा परिषद के गैर-स्थायी सदस्य के रूप में भारत का मौजूदा दो साल का कार्यकाल दिसंबर में समाप्त हो रहा है.
HIGHLIGHTS
- मॉस्को में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने फिर किया यूएनएससी के लिए भारत का समर्थन
- इसके पहले लावरोव ने 77वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के दौरान ये सिफारिशें की थीं
- चीन को छोड़ अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस भारत की स्थायी सदस्यता के प्रबल पक्षधर