रूस और यूक्रेन के बीच लंबे समय से युद्ध जारी है. इस बीच, क्रेमलिन ने गुरुवार को कहा कि यूक्रेन युद्ध के कारण रूस पश्चिमी देशों के साथ साथ राजनयिक संबंधों को कम करने पर विचार कर रहा है. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि युद्ध में अमेरिका और उसके साझेदार की गहरी भागीदारी के कारण यह निर्णय लिया गया है. पेसकोव ने कहा कि अमित्र देशों के साथ राजनयिक संबंधों के स्तर पर संबंध में कमी लाई जाती है, यह मानक अभ्यास है. उनका कहना है कि युक्रेन संघर्ष में पश्चिम की भागीदारी बढ़ रही है. इस तरह के रवैये का जवाब देने के लिए रूस के सामने कई विकल्प हैं और रूस अलग-अलग विकल्पों पर विचार कर सकता है. हालांकि, अभी तक इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया गया है.
रूस-यूक्रेन युद्ध कैसे शुरू हुआ था?
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 23 फरवरी 2022 की रात को यूक्रेन के खिलाफ जंग का एलान किया था. 24 फरवरी की तड़के यूक्रेन की राजधानी कीव और आसपास के शहरों में हवाई हमले होने लगे. रूस के हमलों से दुनिया में हड़कंप मच गया. इसके बाद यूक्रेन ने भी जवाबी कार्रवाई की. युद्ध के कारण दुनिया दो धड़ों में बंट गई. यूक्रेन के लिए नाटो देश साथ आ गए. अमेरिका, ब्रिटेन, पोलैंड, फ्रांस सहित कई देश अप्रत्यक्ष रूप से यूक्रेन को मदद देने लगे. वहीं, रूस की ओर से चीन, दक्षिण कोरिया, ईरान जैसे देश अप्रत्यक्ष रूप से साथ आ गए. हालांकि, भारत ने किसी का पक्ष नहीं लिया. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत का पक्ष रखते हुए कहा कि भारत सार्वजनिक रूप से युद्ध की समाप्ति के लिए प्रतिबद्ध है.
द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूती देने रूस जाएंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8-9 जुलाई को रूस की आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे. इस दौरान वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा भारत की रणनीतिक गणना का अभिन्न अंग है, क्योंकि आने वाले दिनों में यूक्रेन का युद्ध बढ़ना तय माना जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी की संभावित यात्रा के लिए तैयारियां चल रही हैं, हालांकि, अभी तक इस यात्रा के लेकर किसी भी पक्ष की ओर से पुष्टि नहीं की गई है.
Source : News Nation Bureau