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क्या है केमिकल अटैक, जिसके हमलों से गलने लगता है शरीर, जानें सबकुछ

अमेरिका ने दावा किया है कि रूस ने युद्ध में अब सारी सीमाएं तोड़ दी है.रूस ऐसे हथियारों का इस्तेमाल कर रहा है जो इंसान की हड्डी तक को गला देता है. इस हथियार के इस्तेमाल से कई पीढ़ियां तबाह हो सकती हैं. आने वाले पीढ़ियों पर भी इसका असर होगा.ी

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Prashant Jha
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केमिकल अटैक( Photo Credit : फाइल फोटो)

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रूस और यूक्रेन युद्ध को 2 साल से ज्यादा का वक्त हो गया है. युद्ध के बीच में अमेरिका की ओर से जो दावा किया गया है उसमें कहा गया है कि रूस ने यूक्रेन पर केमिकल अटैक किया गया है. साथ ही रूस पर नये प्रतिबंधों की भी घोषणा की है. रूस पर अमेरिका के इस आरोप के बाद दुनिया सन्न रह गई है...क्योंकि केमिकल अटैक करना इतना सहज फैसला नहीं है. क्योंकि केमिकल अटैक से भारी नुकसान होता है. अब सवाल ये है कि केमिकल हथियार की चर्चा क्यों हो रही है. केमिकल वेपन कैसा होता है. केमिकल वेपन कितना घातक होता है. क्योंकि केमिकल वेपन को लेकर कई तरह से दावे किए जाते हैं. इजरायल और हमास युद्ध में भी आरोप लगे थे कि इजरायल ने केमिकल वेपन का इस्तेमाल किया है, जबकि इजरायल की ओर से  बार बार ये दावा किया गया कि केमिकल बम का इस्तेमाल नहीं किया गया.

कितना घातक है केमिकल बम?

केमिकल हथियार इतने घातक होते हैं कि ये पल भर में हजारों लोगों को मौत की नींद सुला सकते हैं. केमिकल बम से अगर इंसान बच भी जाए  तो उसे कई तरह की बीमारियां जकड़ लेती हैं...उसकी प्रभाव की वजह से वो तिल तिल कर मरने पर मजबूर हो जाता है. केमिलक हथियारों को गैस और लिक्विड किसी भी रूप में इस्तेमाल किया जात सकता है...इनके फैलने की गति बहुत तेज होती है. केमिकल हथियार ऐसे हथियार होते हैं जिनमें जहरीले केमिकल का इस्तेमाल जानबूझकर लोगों को मारने या फिर नुकसान पहुंचाने के लिए किया जाता है.  ऐसे सैन्य उपकरण जो खतरनाक केमिकल को हथियार बना सकते हैं.... उन्हें भी केमिकल हथियार या फिर रासायनिक हथियार माना जा सकता है.

कैसे तबाही मचाता है केमिकल वेपन?

केमिकल हथियार का इस्तेमाल जिस भी इलाके में होता है वहां पूरा इलाका आग के शोलों में तब्दील हो जाता है. केमिकल हथियार का जब इस्तेमाल होता है तो इससे निकला रेडिएशन पूरे एरिया में फैल जाता है. इससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत होती है और मौत हो जाती है....इसमें बड़ी संख्या में ना सिर्फ इंसानों की बल्कि पशु पक्षियों की भी जान जाती है. केमिकल अटैक के तहत जहरीली गैस...लिक्विड या फिर ठोस पदार्थों को पर्यावरण में छोड़ दिया जाता है तो ये अपने आसपास मौजूद गैसों से मिलकर जहर बन जाते हैं. केमिकल हथियार के चपेट में आने वाले लोगों के शरीर को काफी नुकसान पहुंचता है जैसे कि पीड़ित की आंखों से लगातार पानी आना शुरू हो जाता है.  नाक से भी पानी बहता है. दम घुटने लगता है. सांस लेने में दिक्कत होती है और फिर इन्हीं कारणों से मौत हो सकती है...शरीर बुरी तरह जल जाता है.... पैरालाइज हो जाता है...शरीर काम करना बंद कर देता है और कई बार इसमें मौत भी हो जाती है.

अब सवाल ये है कि आखिर इतना विनाशकारी हथियार जो इंसानों को जला सकता है...लोगों की आंखों की रोशनी खराब कर सकता है...इस हथियार के इस्तेमाल होने से लोगों को लकवा हो सकता है...ऐसे हथियार में को किन किन कंपाउंड को मिलाकर तैयार किया जाता है. दुनिया में जब भी युद्ध का फ्लैश प्वाइंट बनता है. दो मुल्कों की सेनाएं आमने सामने होती हैं. युद्ध भयंकर होता है तो अक्सर केमिकल वेपन की बात होती है. युद्ध में केमिकल हथियारों के इस्तेमाल के दावे होने लगते हैं...ऐसा नहीं है कि रूस पर पहली बार केमिकल वेपन के इस्तेमाल का इल्जाम लगा है...बल्कि पहले भी रूस पर केमिकल वेपन के इस्तेमाल का इल्जाम लग चुका है.

ऐसा नहीं है कि रूस ने यूक्रेन पर केवल केमिकल वेपन का ही इस्तेमाल किया..बल्कि पिछले 2 साल से रूस ने यूक्रेन की ओर अपने विध्वंसक हथियारों का मुुंह खोल दिया है. जिसमें सबसे खास है जिरकॉन मिसाइल

जिरकॉन मिसाइल क्या है
रूस की इस नई मिसाइल से पूरी दुनिया हैरान है... तो अमेरिका से लेकर ब्रिटेन तक में इस मिसाइल ने हलचल मचाकर रख दी है...यूक्रेन में रूस की इस मिसाइल ने भयानक तबाही मचाई है. जिरकॉन की सबसे बड़ी खासियत है कि इसे एक बार लॉन्च करने के बाद रोक पाना बेहद मुश्किल है..और इसी बात से यूक्रेन की नींद उड़ी हुई है. जिरकॉन की रफ्तार करीब 7400 किलोमीटर प्रति घंटा है..जिरकॉन की रफ्तार साउंड की स्पीड से पांच गुना ज्यादा है....ये मिसाइल बड़ी आसानी से 400 किलोमीटर तक अपने टारगेट को भेद सकती है. और रूस के रक्षा मंत्रालय के दावों की मानें तो इसे एक बार लॉन्च करने के बाद रोकने की कोशिश की गई...तो इसका मलबा भी निशाने को काफी हद तक नुकसान पहुंचा सकता है. इस मिसाइल में स्क्रैमजेट इंजन का इस्तेमाल किया गया है..जो हवा में से ऑक्सीजन का प्रयोग करता है. ऐसे एक दो नहीं बल्कि कई तरह के हथियार हैं जिनका इस्तेमाल रूस ने यूक्रेन पर किया है. जो बेहद की ताकतवर हैं.

एफएबी -500 बम का इस्तेमाल रूस ने यूक्रेन पर किया 
थर्मोबेरिक बम जो दुनिया का सबसे शक्तिशाली गैर-परमाणु बम है...इससे भी रूस ने यूक्रेन पर हमला किया है. क्लस्टर बम के जरिए भी रूस ने यूक्रेन में तबाही मचाई और पिछले दो साल में जेलेंस्की को टेंशन में डाल रखा है. PFM-1 एयर ड्रॉप बटरफ्लाई माइन बम का भी इस्तेमाल रूस ने जंग के मैदान में किया है...इस बम ने भी यूक्रेन में भारी तबाही मचाई है. इतना ही नहीं रूस पर फॉस्फोरस बम के भी इस्तेमाल के आरोप लगे. वो अलग बात है कि रूस ने सारे आरोपों...सारे दावों को झूठा और बेबुनियाद बताया...

फॉस्फोरस बम ऐसा घातक हथियार है जो एक ही झटके में इंसानी बस्ती को श्मशान में तब्दील कर देता है. रासायनिक गैसों का ऐसा धमाका जो हवा को चीरते हुए चंद सेकेंड में इंसान का दम घोंट देता है. जिसके हमले के बाद पूरा इलाके में लाशें ही लाशें पड़ी नजर आती है. जिसका एक हमला कई बरसों तक वहां तबाही के निशान छोड़ जाता है. ऐसे घातक वेपन्स पर दुनिया में पाबंदी लगी है....बावजूद इसके केमिकल हथियारों की होड़ और इनके इस्तेमाल की बातें सामने आती रही हैं.. ऐसा नहीं है कि जंग में केवल यूक्रेन को ही नुकसान हो रहा है...रूस को भी युद्ध में भयानक नुकसान हुआ है...रूस रुकने को तैयार नहीं है...तो यूक्रेन झुकने को तैयार नहीं है..जिस तरह से यूक्रेन को अमेरिका और पश्चिमी देशों का समर्थन है...उससे इस जंग के खत्म होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं...दुनिया के लिए यही सबसे बड़ी टेंशन है...

Source : News Nation Bureau

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