Russia-Ukraine Crisis: रूस ने यूक्रेन के महत्वपूर्ण दक्षिणी पूर्वी शहर खेरसॉन से सेना को पीछे हटाने का निर्णय लिया है. यूक्रेन के लगातार दोतरफा हमलों और तेजी से बढ़ती सेना की वजह से रूस ने ये फैसला लिया. रूसी रक्षा विभाग (Russian Defence Department) की महत्वपूर्ण बैठक के बाद इस फैसले पर मुहर लगाई गई. शीर्ष सैन्य अधिकारियों का कहना है कि खेरसॉन पर तेजी से दबाव बढ़ता जा रहा है. जिस तेजी से दबाव बढ़ रहा है, उस तेजी से रूसी सैनिकों को सप्लाई नहीं मिल पा रही है. ऐसे में सर्दियों के नजदीक आने से सैनिकों की मुसीबतें बढ़ जाती. यही वजह है कि रूस ने अपने सैनिकों को पीछे हटने के आदेश दिये हैं.
खेरसॉन से पीछे हटना मजबूरी या नई चाल?
रूस ने खेरसॉन (Kherson) को बर्बाद कर दिया है. उसके ताबड़तोड़ हमलों की वजह से खेरसॉन (Kherson) में इंसानी आबादी बहुत कम है. जो हैं, वो रूस के समर्थक लोग हैं. ऐसे में यूक्रेनी सेना के वापस आने के बाद फिर से आम लोगों की मुसीबतें बढ़नी तय हैं. यूक्रेन (Ukraine) का कहना है कि रूस अपने पैर वापस खींच रहा है, इसमें संशय है. ऐसे में जब तक खेरसॉन पर यूक्रेनी झंडा (Ukraine Flag) लहरा नहीं दिया जाता, तब तक ऐसे किसी भी दावे पर यकीन करना मुश्किल है.
डिनिप्रो नदी की दूसरी तरफ डेरा डाल रहा रूस
रूस ने डिनिप्रो नदी के दूसरे सिरे पर डेरा डालने का निर्णय लिया है. यूक्रेन पर हमले के बाद ये सबसे महत्वपूर्ण फैसला है, जिसमें रूसी सेना को इस बड़े राज्य की राजधानी से पीछे हटना पड़ा है. रूसी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने अपने सैनिकों को खेरसॉन शहर से हटने और डिनिप्रो नदी के सामने के तट पर रक्षात्मक लाइन लेने का आदेश दिया है. ऐसा जनरल सर्गेई सुरोविकिन की सलाह पर किया गया है. जनरल सर्गेई सुरोविकिन ने साफ कहा कि खेरसॉन शहर को संसाधनों की आपूर्ति करना अब संभव नहीं था.
HIGHLIGHTS
- खेरसॉन से पीछे हट रही रूसी सेना
- यूक्रेन बोला-जब तक झंडा नहीं फहराते, कुछ पक्का नहीं
- यूक्रेन को डर, ये रूस की कोई गहरी साजिश
Source : News Nation Bureau