रूस की कोलमार कंपनी, भारतीय कंपनियों के साथ वाणिज्यिक अवसर में रुचि दिखा रही है. इसके संदर्भ में बुधवार को शुरू हो रहे ईस्टर्न इकॉनॉमिक फोरम (ईईएफ) में चर्चा होने की उम्मीद है. कोलमार कंपनी कोयला खनन व्यवसाय में है. कंपनी का मानना है कि भारतीय धातुशोधन में नई संभावना हो सकती है, क्योंकि उसने सुविधाजनक लॉजिस्टिक्स की स्थापना की है, और एक बंदरगाह निर्माणाधीन है, जो 2020 के शुरुआत में लॉन्च किया जाएगा.
रूस-भारतीय पैनल चर्चा और रूस-भारत व्यापार संवाद में दोनों देशों के प्रमुख उद्यमी भाग लेंगे. यह वार्ता भारत व रूस के बीच सहयोग के मुद्दों पर होगी, जिसमें कोलमार भी हिस्सा लेगी. आधिकारिक भारतीय प्रतिनिमंडल के प्रतिनिधि के साथ प्रमुख रूसी व भारतीय कंपनियों के प्रमुख के द्विपक्षीय अर्थिक संबंधों को विस्तार देने की संभावनाओं पर चर्चा होने की उम्मीद है. इसमें भारत व रूस की अर्थव्यवस्थाओं के बीच औद्योगिक व तकनीकी सहयोग के कदमों की रूपरेखा पर भी चर्चा होने की उम्मीद है.
वे अंतर-क्षेत्रीय सहयोग और संयुक्त निवेश परियोजनाओं के लिए संभावनाओं के बारे में भी बात करेंगे. कोलमार समूह ने जुलाई व अगस्त में भारत की सबसे बड़ी ऊर्जा कंपनियों -टाटा पॉवर व कोल इंडिया के साथ सुदूर पूर्व में निवेश परियोजनाओं पर सहयोग के लिए वार्ता आयोजित की थी.
कोलमार ग्रुप जेएससी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के चेयरमैन अन्ना त्सिविल्वा ने एक बयान में कहा, "आज, रूसी एन्थ्रेसाइट की नियमित डिलीवरी भारत में हो रही है, लेकिन कोकिंग कोल बाजार अभी तक प्रभावित नहीं हुआ है. कंपनी भारतीय सहयोगियों के लिए ऑस्ट्रेलिया से धातु के कच्चे माल की आपूर्ति के लिए एक नया अवसर खोल सकती है." इस फोरम का आईएएनएस मीडिया पार्टनर है.
Source : आईएएनएस