भारत ने अपना चंद्रयान मिशन को 14 जुलाई को लांच किया था. ये चंद्रमा के दक्षिण क्षेत्र में लैंड करेगा. दुनिया के लिए 23 अगस्त बहुत ही खास होने वाला है. इसी दिन विश्व के दो बड़े देशों का मून मिशन चंद्रमा के दक्षिण छोर पर लैंड करेगा. ये दोनों देश आपस में अच्छे मित्र है और दोनों एक दूसरे की मदद करते हैं. ये दोनों देश है भारत और रूस. जी हां, 23 अगस्त को भारत का चंद्रयान-3 और रूस का लूना-25 चंद्रमा पर लैंड करेगा. सबसे बड़ी बात है कि आज तक किसी भी देश ने इस काम में सफलता नहीं पाई. रूस ने जानकारी दी है कि उसने अपने मिशन मून को आज 11 अगस्त को लॉन्च कर दिया.
47 साल बाद मिशन मून
रूस मून मिशन ने जानकारी दी है कि वो 47 साल बाद अपना अतंरिक्ष यान चांद पर भेजेगा. उसने 1976 के बाद चांद पर कोई भी मिशन लॉन्च नहीं किया है. रूस 11 अगस्त को सुबह 4.40 बजे अमूर ओब्लास्ट के वोस्तोनी कॉस्मोड्रोम से लूना-25 (Luna-25) लैंडर मिशन लॉन्च किया. इसे लॉन्चिंग सोयुज 2.1बी (Soyuz 2.1b) रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा. रूस ने इसे लूना ग्लोब मिशन नाम दिया है. जानकारी के मुताबिक ये रॉकेट करीब 46.3 मीटर लंबा है. इसकी चौड़ाई 10.3 मीटर है. वहीं इसका वजन 313 टन है. लूना-25 लैंडर में चार स्टेज के रॉकेट लगे हैं और इसे धरती के बाहर गोलाकार ऑर्बिट में छोड़ा जाएगा. जिसके बाद ये चांद की ओर बढ़ जाएगा. इस रास्ते में वो 5 दिन चक्कर लगाएगा. इसके बाद वो चांद के ऑर्बिट में 7 से 10 तक घुमेगा.
22 अगस्त को लैंड करेगा
21 या 22 अगस्त को लूना-25 चांद पर लैंड करेगा. इसका लैंडर चांद्रमा की सतह से 18 किलोमीटर ऊपर पहुंचने के बाद लैंड करेगा. जब ये चांद से 15 किलोमीटर दूरी कम करने के बाद जब 3 किलोमीटर की दूरी बचेगी तो ये चांद के दक्षिणी धुर्व के सतह उतरेगा. लेकिन सबसे बड़ी चुनौती होगी सॉप्ट लैंडिंग करवाना. भारत का चंद्रयान-2 चांद पर उतर गया था लेकिन ये क्रेश लैंडिंग थी.
Source : News Nation Bureau