रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच रूस ने नीदरलैंड, बेल्जियम और ऑस्ट्रिया से राजनयिकों को देश से निकालने की घोषणा की है. रूस एक बयान जारी कर कहा है कि 15 डच राजनयिक, 21 बेल्जियम राजनयिक और चार ऑस्ट्रियाई राजनयिकों को देश से निर्वासित किया जा रहा है. रूसी विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि विदेशी राजदूतों को देश छोड़ने के लिए दो सप्ताह का समय दिया गया है. दूसरी ओर, समाचार एजेंसी का कहना है कि रूस से विदेशी राजनयिकों का निर्वासन एक जवाबी कदम है, क्योंकि यूरोपीय देशों ने 300 से अधिक रूसी राजनयिक कर्मचारियों को निर्वासित कर दिया था. वहीं, नीदरलैंड ने यूक्रेन के ल्विव शहर में अपना दूतावास फिर से खोल दिया है.
रूस को मिला चीन का साथ, रूस के साथ तालमेल बढ़ाता रहेगा चीन
यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के खिलाफ वैश्विवक दबाव के बीच चीन का कहना है कि वह रूस के साथ काम करना जारी रखेगा. बीजिंग की समाचार एजेंसी के अनुसार, चीनी विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा कि चीन रूस के साथ अपने रणनीतिक समन्वय को बढ़ाना जारी रखेगा. चीनी उप प्रधान मंत्री ने चीन में रूसी राजदूत को रणनीतिक समन्वय बढ़ाने का आश्वासन दिया.
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इन देशों ने रूसी राजदूतों को किया था बाहर
गौरतलब है कि यूक्रेन पर रूस के ताबड़तोड़ हमलों के बीच कई पश्चिमी देशों ने जासूसी का आरोप लगाकर रूस के राजनयिकों को अपने यहां से निष्कासित कर दिया थखा. इस दौरान आयरलैंड ने 4, नीदरलैंड ने 17 और बेल्जियम ने 21 रूसी राजनयिकों को निष्कासित करने का ऐलान किया था. आरोप लगाया गया कि इनकी गतिविधियां राजनयिक व्यवहार के अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप नहीं हैं. लिहाजा, कार्रवाई राजनयिक संबंधों पर 1961 के वियना कन्वेंशन के अनुच्छेद 9 के तहत कार्रवाई करने की बात कही गई थी.
HIGHLIGHTS
- अपने राजनयिकों के निष्काशण के बाद रूस ने उठाया कदम
- रूस के 300 से ज्यादा राजनयिकों को निकाल चुके हैं पश्चिमी देश
- रूस के साथ रणनीतिक समन्वय को बढ़ाना जारी रखेगा चीन
Source : Madan Kaushik