यूक्रेन में रूस के हमलों के बीच आम लोगों को सुरक्षित निकालने की कोशिश लगातार जारी है. बीते दिनों रूस की तरफ से कहा गया था कि आम नागरिकों की निकासी के लिए कुछ कॉरिडोर पर सीजफायर किया जाएगा. इसके बाद से अलग-अलग समय पर लोगों को यूक्रेन के शहरों से बाहर निकाला जा रहा है. इसे लेकर यूक्रेन में भारतीय दूतावास की तरफ से एक एडवाइजरी भी जारी की है. इसमें लोगों को दस बजे के बाद किसी भी तरह यूक्रेन से निकलने की हिदायत दी गई है. यूक्रेन की राजधानी कीव में मौजूद भारतीय दूतावास की तरफ से जारी इस नई एडवाइजरी में कहा गया है कि 8 मार्च से लोगों को निकालने के लिए बनाए गए कॉरिडोर के जरिए निकासी का कार्यक्रम शुरू गया है. इसका सभी भारतीय लाभ उठा सकते हैं. इस एडवाइजरी में बताया गया है कि यूक्रेन में सुरक्षा के हालात लगातार बिगड़ रहे हैं, जिन्हें देखते हुए यूक्रेन में फंसे सभी भारतीय इन कॉरिडोर के जरिए सीमावर्ती इलाकों तक पहुंच जाएं.
ADVISORY TO INDIAN NATIONALS IN UKRAINE. @MEAIndia @DDNewslive @DDNational @PIB_India @PIBHindi @IndianDiplomacy pic.twitter.com/rFvAock4Wg
— India in Ukraine (@IndiainUkraine) March 8, 2022
यूक्रेन से निकलने की कोशिश करें
यूक्रेन के अलग-अलग इलाकों में फंसे भारतीयों से कहा जा रहा है कि वो, 8 मार्च को ट्रेन, बस या फिर किसी अन्य ट्रांसपोर्टेशन का उपयोग कर यूक्रेन से निकलने की कोशिश करें. इसके साथ ही इसमें ये भी बताया गया है कि जैसे हालात हैं उससे ये साफ नहीं कहा जा सकता है कि अगली बार कब लोगों को निकालने के लिए ऐसे कॉरिडोर तैयार किए जा सकेंगे।
यूक्रेन में करीब छह कॉरिडोर बनेंगे
गौरतलब है कि यूक्रेन में करीब छह ऐसे कॉरिडोर बनाए जाएंगे,जहां से आम नागरिकों को बाहर निकालने की प्रक्रिया जारी है. रूस ने प्रतिबद्धता जताई थी कि इन कॉरिडोर पर किसी भी तरह का हमला नहीं होगा, लेकिन यूक्रेन की तरफ से अब आरोप लगाए गए हैं कि रूस सीजफायर का उल्लंघन कर रहा है और इन कॉरिडोर पर बमबारी लगातार जारी है. यूक्रेन ने कई लोगों की मौत का भी दावा किया है. भारतीयों की अगर बात करें तो अब भी कई भारतीय यूक्रेन के अलग-अलग इलाकों में फंसे हुए हैं. इन्हें पड़ोसी देशों से निकालने की प्रक्रिया जारी है.
HIGHLIGHTS
- यूक्रेन में भारतीय दूतावास की तरफ से एक एडवाइजरी भी जारी की है
- एडवाइजरी में बताया गया है कि यूक्रेन में सुरक्षा के हालात लगातार बिगड़ रहे हैं
- भारतीय कॉरिडोर के जरिए सीमावर्ती इलाकों तक पहुंच जाएं