Russia Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत की भूमिका अहम होने वाली है. यूक्रेन, अमेरिका समेत सभी पश्चिमी देशों की निगाहें भारत पर आकर टिक गई है. रूस से भारत के नजदीकी रिश्ते को देखते हुए UN समेत सभी पश्चिमी देश भारत से युद्ध समाप्त कराने की अपील कर रहे हैं. अब तक रूस से दूर रहने की सलाह देने वाला अमेरिका ने भी रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की भारत के दौरे के बीच अपील की है कि भारत अपने संबंधों का इस्तेमाल करते हुए रूस को यूक्रेन पर हमला करने से रोकने के लिए राजी करें.
यूक्रेन पर 38वें दिन भी रूसी हमले हैं जारी
गौरतलब है कि कई दौर की वार्ता के बाद भी पिछले 38 दिन से रूस लगातार यूक्रेन पर हमलावर है. इस दौरान यूक्रेन के कई शहर खंडहर में तब्दील हो चुके हैं. वहीं, हजारों लोगों की जानें भी जा चुकी है. दुनियाभर के देशों की आलोचना और प्रतिबंधों के बावजूद रूस झुकने को तैयार नहीं है. अमेरिकी प्रतिबंधों से नहीं झुकने वाले रूस के हमले रोकने के लिए अमेरिका ने रूस के मित्र देशों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में अमेरिका ने भारत से भी अपील की है कि वे अपने संबंधों का इस्तेमाल करते हुए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को हमले रोकने के लिए राजी करे. गौरतलब है कि अमेरिका ने ये अपील ऐसे वक्त में है, जब रूसी विदेश मंत्री सर्गेई इवानोव भारत दौरे पर है.
अमेरिकी विदेश विभाग ने यह दिया बयान
विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि विभिन्न देशों के रूसी संघ के साथ अपने संबंध हैं. यह न सिर्फ इतिहास, बल्कि भूगोल का एक वास्तविक तथ्य है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह कुछ ऐसा नहीं है जिसे हम बदलना चाहते हैं. हम क्या करना चाह रहे हैं, चाहे वह भारत हो या अन्य भागीदार और दुनिया भर के सहयोगी देश… ये सभी यूक्रेन पर रूस के इस अनुचित, अकारण और पूर्व नियोजित आक्रामकता के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करें और हिंसा को समाप्त करने के लिए भारत सहित सभी देश मास्को के साथ अपने संबंधों का लाभ उठाएं.
अब से पहले दी थी रूस से दूर रहने की चेतावनी
गौरतलब है कि भारत के रूस से नजदीकी संबंध को देखते हुए यूक्रेन पर हमले रुकवाने की अपील करने वाला अमेरिका अब से पहले भारत को रूस से दूर रहने की चेतावनी देता आ रहा था. अमेरिका ने पिछले गुरुवार को आगाह किया था कि रूस के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों में गतिरोध पैदा करने वाले देशों को अंजाम भुगतने पड़ेंगे. साथ ही, यह भी कहा कि वह रूस से ऊर्जा एवं अन्य वस्तुओं का भारत के आयात में बढ़ोतरी को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा. अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (Deputy NSA) दलीप सिंह ने मास्को और बीजिंग के बीच गहरी साझेदारी का जिक्र कर भारत को डराते हुए कहा था कि भारत को यह उम्मीद नहीं रखनी चाहिए कि अगर चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का उल्लंघन करता है तो रूस, भारत की रक्षा करने के लिए दौड़ा चला आएगा.
‘भारत जो चाहता है हम सप्लाई करने को तैयार हैं’
प्रतिबंधों से जूंझ रहे रूस ने इस बुरे वक्त में साथ देने के लिए न सिर्फ भारत का धन्यवाद दिया है, बल्कि खुलकर कहा है कि ‘भारत जो चाहता है हम सप्लाई करने को तैयार हैं’. गौरतलब है कि दुनिया की प्रमुख शक्तियों के उलट भारत ने अभी तक यूक्रेन पर आक्रमण के लिए रूस की आलोचना नहीं की है और न ही भारत ने रूसी आक्रमण की निंदा करने वाले प्रस्तावों पर संयुक्त राष्ट्र के मंचों पर मतदान में हिस्सा लिया. इसके साथ ही पिछले गुरुवार को यूक्रेन में मानवीय संकट को लेकर रूस द्वारा पेश प्रस्ताव पर मतदान के दौरान भी भारत गौर हाजिर रहा. इससे साफ जाहिर होता है कि भारत इस युद्ध में बिना किसी पक्ष का साथ दिए मामले को वार्ता के जरिए शांतिपूर्ण तरीके हल करने का पक्षधर है.
ये भी पढ़ें- Nitish जाएंगे राज्यसभा और BJP के ये नेता बनेंगे CM
वार्ता और शांति का पक्षधर है भारत
कई अन्य प्रमुख शक्तियों के विपरीत, भारत ने अभी तक यूक्रेन पर आक्रमण के लिए रूस की आलोचना नहीं की है और उसने रूसी आक्रमण की निंदा करने वाले प्रस्तावों पर संयुक्त राष्ट्र के मंचों पर मतदान में हिस्सा लेने से परहेज किया है. वहीं, पिछले बृहस्पतिवार को यूक्रेन में मानवीय संकट को लेकर रूस द्वारा पेश प्रस्ताव पर मतदान के दौरान भी भारत अनुपस्थित रहा. यह इस संघर्ष को लेकर भारत के निष्पक्ष रुख को प्रदर्शित करता है.
HIGHLIGHTS
- अमेरिका ने भारत से की रूसी हमले रुकवाने की अपील
- बोला, शांति के लिए अपने संबंधों का इस्तेमाल करें भारत
- अमेरिका ने इससे पहले दी थी रूस से दूर रहने की हिदायत