Russia-Ukraine war : रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है. रूस के हमले से यूक्रेन पूरी तरह से पस्त हो गया है. दोनों देशों की ओर से आक्रमण रवैया अपनाने की बात कही जा रही है. रूसी सेना के लगातार आक्रमण के बाद भी यूक्रेन घुटने टेकने को तैयार नहीं है. नाटो से मदद न मिलने के बाद अब यूक्रेन को यूरोपीय संघ (EU) से सहयोग मिलने की उम्मीद है. हालांकि, यूक्रेन की सदस्यता पर EU में विरोध हो गया है.
रूस को घेरने के लिए यूक्रेन ने एक नई रणनीति तैयार की है. एक बार फिर यूक्रेन ने यूरोपीय संघ का हिस्सा बनने की बात कर दी है. उन्होंने जोर दिया है कि यूक्रेन को तुरंत EU का सदस्य बनाया जाए. उसकी ओर से यूरोपीय संघ की सदस्यता के लिए आवेदन भी कर दिया गया है. EU देशों में यूक्रेन की सदस्यता को लेकर विरोध हो गया है. ईयू के सदस्य देशों ने यूक्रेन को सदस्यता देने का विरोध जताया है. जर्मनी और नीदरलैंड ने इसका विरोध किया है. जर्मनी ने कहा कि रातोंरात रूस के तेल और गैस पर बैन नहीं लगा सकते हैं.
अब यूक्रेन की यह रणनीति इसलिए भी मायने रखती है, क्योंकि रूस से जारी जंग के बीच अभी तक इस देश को जमीन पर किसी दूसरे मुल्क से ज्यादा मदद नहीं मिली है. इससे पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने नाटो देशों से मदद की गुहार लगाई थी, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. ऐसे में यूक्रेन के पास दूसरा विकल्प था कि यूरोपीय संघ की सदस्यता उसे मिल जाए. हालांकि, ये भी काफी पुरानी मांग है जिसको लेकर यूक्रेन लड़ रहा है. यूक्रेन के लिए जैसे नाटों की सदस्यता मायने रखती है, उसी तर्ज पर EU का सदस्य बनना भी उसके लिए काफी महत्वपूर्ण है.
Source : News Nation Bureau