अब यूक्रेन और रूस महायुद्ध विश्वयुद्ध में बदलेगा, जहां अब मामूली हथियार नहीं बल्कि विनाशकारी एटम बम फटेंगे और होगी ऐसी तबाही जो कल्पना से परे होगी. ये ऐसा WORLD WAR होगा जहां प्रलयंकारी परमाणु बमों की एंट्री होगी, क्योंकि अब वर्ल्ड वॉर नहीं न्यूक्लियर वर्ल्ड वॉर होगा जिसकी धमकी रूस ने दी है. यूक्रेन में जारी महायुद्ध एक महीने खिंच गया है तो वहीं अब रूस ने ऐसी चेतावनी दी है जिसने दुनिया को सकते में ला दिया है. रूसी मीडिया में बहस हो रही है. रूसी एक्सपर्ट वर्ल्ड वॉर थ्री नहीं बल्कि यूनिवर्सल न्यूक्लियर वॉर की धमकी दे रहे हैं. रूसी स्टेट टीवी पर साफ-साफ कहा जा रहा है कि अगर नाटो ने यूक्रेन में शांति दूतों के नाम पर फोर्स भेजने की कोशिश की तो अंजाम भयानक होगा.
"अगर नाटो में कोई समझदार बचा होगा तो वो यूक्रेन में शांति दूतों का ऑपरेशन नहीं करेगा. नाटो का कोई भी सामूहिक एक्शन रूस के खिलाफ वॉर के तौर पर होगा. ये वॉर रूस और नाटो के बीच होगा. हमें अच्छा लगे या न लगे.. लेकिन इस युद्ध को जीतने के लिए हमें न्यूक्लियर हथियारों का इस्तेमाल करना ही पड़ेगा. इसके बाद शक्तिशाली परमाणु हथियारों का इस्तेमाल शुरू हो जाएगा. जिसका मतलब है यूनिवर्सल न्यूक्लियर वॉर."
अमेरिकी फोर्स पोलैंड-यूक्रेन बॉर्डर पर तैनात
पोलैंड को सख्त चेतावनी दी जा रही है कि अगर यूक्रेन की सीमा को 10 मीटर भी लांघा तो रूस ऐसी ताकत से हमला करेगा कि पोलैंड की आर्मी को उल्टे पैर भागना पड़ेगा. रूसी टीवी डिबेट में एंकर का दावा है कि पोलैंड सीमा पर फंसे एक रूसी ट्रक ड्राइवर ने खुलासा किया है कि उसने पोलैंड सीमा पर अमेरिका और पोलैंड के सैनिकों का जमवाड़ा देखा है.
''समय आ गया है जब लीडरशिप को स्पष्ट कहना पड़ेगा ये बॉर्डर है और आप यहां दखलअंदाजी न करें 10 मीटर भी नहीं. अगर ऐसा हुआ तो हम पूरी ताकत से आपको जवाब देंगे. आर्टिलरी और एविएशन की पूरी ताकत लगा देंगे. तब आप जिस पोलैंड की आर्मी की तारीफ कर रहे हैं. वो उल्टे पैर वारसॉ भाग जाएगी.''
क्या नाटो की आर्मी यूक्रेन में घुसने वाली है
जाहिर है अब तक नाटो देशों ने दूर से ही यूक्रेन की मदद की है. पुतिन के आक्रामक तेवर को देखकर नाटो देश चाहकर भी यूक्रेन की वो मदद नहीं कर पा रहे, जिसकी मांग जेलेंस्की पिछले 30 दिनों से कर रहे हैं. लेकिन अब नाटो देशों की मीटिंग और मदद की नई पहल पर रूस आग बबूला है. और वो खुलेआम न्यूक्लियर वॉर की धमकी देकर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है ताकि नाटो यूक्रेन से दूर रहे और रूस का ऑपरेशन यूक्रेन कामयाब हो जाए.
इसी खुलासे के बाद रूस में खलबली है. रूस को लग रहा है कि पोलैंड और अमेरिकी सैनिक यूक्रेन की सीमा पर मौजूद हैं और वो कभी यूक्रेन को एंटी टैंक मिसाइल, ड्रोन, आर्टीलरी, मशीन गन, गोला-बारूद से लेकर आर्थिक मदद तक पहुंचाई जा रही है. जिससे यूक्रेन न सिर्फ रूस को रोकने में काफी हद तक कामयाब रहा है, बल्कि रूस को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है. यही वजह है कि रूस नाटो पर भड़का हुआ है.
यूक्रेन का ऑपरेशन प्रतिष्ठा का प्रश्न
रूस पहले ही अमेरिका के कड़े आर्थिक प्रतिबंध का खामियाजा भुगत रहा है तो वहीं अमेरिका की अगुवाई में नाटो देश रूस की घेराबंदी में लगे हुए हैं. रूसी राष्ट्रपति को वॉर क्रिमिनल तक कहा जा रहा है. जाहिर है यूक्रेन का मिलिटरी ऑपरेशन पुतिन के लिए प्रतिषठा का प्रश्न बन चुका है, जिसे पुतिन हर हालत में सक्सेसफुल बनाना चाहते हैं अब तक पुतिन ने अपनी न्यूक्लियर ताकत के दम पर नाटो को डायरेक्टली यूक्रेन से दूर रखा है, लेकिन अगर नाटो की पीसकीपिंग फोर्स यूक्रेन के अंदर दाखिल होती है तो हालात भयावह हो सकते हैं.
Source : Rajnish Singh