रूस पर लगे प्रतिबंधों के बीच दिल्ली में तैनात रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने भारत को भरोसा दिलाया है कि इन प्रतिबंधों के बावजूद भारत (India Russia Relations) को S-400 मिसाइल सिस्टम (S-400 Missile System India) और दूसरे सैन्य स्पेयर पार्ट्स की बिना किसी रुकावट के आपूर्ति जारी रहेगी. गौरतलब है कि भारत के लगभग 70 प्रतिशत सैन्य हार्डवेयर रूस में बने हुए हैं. लिहाजा, उनकी मरम्मत के लिए समय-समय पर रूस से स्पेयर पार्ट्स खरीदे जाते हैं. ऐसे में रूसी राजदूत का बयान भारत के लिए बहुत ही अहम माना जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमने प्रतिबंधों से निपटने के लिए तंत्र बनाया हुआ है. इसलिए भारत को S-400 की सप्लाई में कोई दिक्कत नहीं आएगाी.
भारत को बताया रणनीतिक साझेदार
ओलिपोव ने कहा कि रूस और भारत रणनीतिक साझेदार है. ऐसे में भारत को यूक्रेन मसले से जुड़े सभी अपडेट लगातार हर दिए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि रूस संयुक्त राष्ट्र में भारत के संतुलित रवैए के लिए बेहद आभारी है. भारत हालात की जटिलता को बेहतर तरीके से समझाता है. हम उम्मीद करते हैं कि भारत अपने स्टैंड पर आगे भी कायम रहेगा. गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र में भारत ने रूस-यूक्रेन के बीच सभी विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत के जरिए हल करने का आह्वान किया था. हालांकि, रूस के खिलाफ लाए गए सभी प्रस्तावों पर होने वाली वोटिंग से भारत ने खुद को दूर रखा है.
छात्र के मौत की होगी जांच
ओलिपोव ने खारकीव में भारतीय छात्र नवीन की मौत पर चिंता जताते हुए कहा कि हम भारतीय नागरिकों की सुरक्षा का आश्वासन देते हैं. हम भारतीय छात्र की मौत की जांच करेंगे. उन्होंने बताया है कि हम खारकीव सहित उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में भारतीय नागरिकों से संपर्क में हैं. हम एक सुरक्षित गलियारा बनाने पर काम कर रहे हैं.
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युद्ध को बताया सुरक्षा के लिए उठाया गया कदम
उन्होंने कहा कि यूक्रेन में युद्ध छेड़ने के लिए रूस को दोष देना आसान है, लेकिन यूक्रेन में आठ साल पहले ही युद्ध शुरू हो गया था. हमने अपनी सुरक्षा के लिए कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा कि रूस हमेशा राख से उठा है. यह एक बार फिर उठेगा, इसमें कोई शक नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि हमारी अर्थव्यवस्था पूरी तरह स्थिर है.
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रूस पर लगे हैं सख्त प्रतिबंध
यूक्रेन युद्ध के बाद अमेरिका ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा रखे हैं. रूस के बैंक, पेट्रोलियम, एविएशन, स्पेस, बिजनेस समेत लगभग हर सेक्टर को प्रतिबंधों (Sanctions on Russia) में शामिल किया गया है. यहां तक कि रूसी खिलाड़ियों को भी कई अंतरराष्ट्रीय खेल संघ और प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने से रोक दिया गया है. ऐसे में ये अटकलें चरम पर थीं कि पश्चिमी प्रतिबंध रूसी डिफेंस इंडस्ट्री को प्रभावित कर सकते हैं. इससे भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना को स्पेयर पार्ट्स की आपूर्ति में बाधा पैदा हो सकती है. लेकिन भारत में रूस के राजदूत ने इन आशंकाओं को खारिज कर दिया है, जो भारत के लिए बहुत बड़ी राहत की बात है.
HIGHLIGHTS
- रूस ने भारत को बताया रणनीतिक साझेदार
- रूस ने संयुक्त राष्ट्र में भारत के रुख को सराहा
- भारतीय छात्र की मौत की जांच का दिलाया भरोसा