Russia-Ukraine War : यूक्रेन की जंग में कब फूटेगा एटम बम?

Russia-Ukraine War : क्या यूक्रेन और रूस में छिड़ी जंग का अंत एक परमाणु विस्फोट से होगा? ये सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि रूस के साथ-साथ अब अमेरिका और NATO ने भी न्यूक्लियर ड्रिल की तैयारी शुरू कर दी है.

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Deepak Pandey
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Russia Ukraine War ( Photo Credit : File Photo)

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Russia-Ukraine War : क्या यूक्रेन और रूस में छिड़ी जंग का अंत एक परमाणु विस्फोट से होगा? ये सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि रूस के साथ-साथ अब अमेरिका और NATO ने भी न्यूक्लियर ड्रिल की तैयारी शुरू कर दी है. सबकी नजर 25 मार्च को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की पोलैंड यात्रा पर टिकी है. माना जा रहा है कि शुक्रवार को जो बाइडेन बहुत बड़ा ऐलान करने वाले हैं. ऐसा हो सकता है कि रूस के खिलाफ अमेरिका अपनी पीस कीपिंग फोर्स यानी शांति सेना को यूक्रेन भेज दे. हालांकि, इस पर अंतिम मुहर अभी नहीं लगी है, क्योंकि शांति सेना पर बाइडेन जो भी फैसला करेंगे उसमें G7 और NATO देशों के अलावा यूरोपियन यूनियन के देशों की भी मंजूरी मायने रखती है, जोकि 24 मार्च को होने वाली मेगा मीटिंग में क्लियर हो जाएगा. 

लेकिन सवाल फिर वही कि अगर यूक्रेन और रूस की जंग में अमेरिका सीधे तौर पर शामिल हो गया तो क्या अंजाम एटम बम विस्फोट होगा? ब्रिटेन का दावा है कि यूक्रेन में रूस ने जंग के सारे नियम तोड़ दिए हैं. ब्रिटिश पीएम ने दावा किया था कि यूक्रेन में रूस ने थर्मोबेरिक वेपन का इस्तेमाल किया है, जिसे वैक्यूम बम भी कहा जाता है. वैक्यूम बम जंग में प्रतिबंधित है. ब्रिटेन के दावे में कोई दम है तो इसका सीधा मतलब ये है कि अगर युद्ध के किसी मोड़ पर पुतिन को लगा कि एटम बम फोड़ना जरूरी है तो यकीन मानिए पुतिन ये भी कर देंगे.

24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन के खिलाफ डायरेक्ट वॉर छेड़ी. राजधानी कीव पर रूस की ग्राउंड फोर्स ने हमला बोल दिया. यूरोप का दूसरा सबसे बड़ा देश बारूद के ढेर पर बैठ गया. 3 दिन बाद यानी 27 फरवरी को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपनी Nuclear Deterrent Force को अलर्ट पर कर दिया. ये कोई मामूली फैसला नहीं था. इसका सीधा मतलब है कि रूस ने अपने परमाणु हथियारों को एक्टिवेट कर दिया है. इतना ही नहीं बेलारूस में रूस ने न्यूक्लियर वेपन भी डिप्लॉय कर दिया है. 

बेलारूस यूक्रेन का पड़ोसी देश है और यहां से पुतिन की आर्मी सड़क के रास्ते यूक्रेन में घुसी है. इस जंग में ऐसे कई वीडियो सामने आए हैं जिसमें बेलारूस की धरती से यूक्रेन पर हमले के सबूत मिले हैं. बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको को पुतिन का सबसे बड़ा दोस्त माना जाता है. मुमकिन है कि पुतिन के दबाव डालने पर बेलारूस यूक्रेन पर परमाणु हमला कर दे. आज तक जंग में एटम बम का इस्तेमाल सिर्फ अमेरिका ने किया है वो भी साल 1945 में. तब से लेकर आज तक दुनिया ने कई जंग देखी लेकिन कहीं पर भी एटम बम नहीं गिरा. 

पुतिन ने जंग छेड़कर पहले ही साबित कर दिया है कि रूस यूक्रेन को हासिल करने के लिए हर हद पार करेगा. पश्चिमी देशों के बैन का रूस पर बुरा असर पड़ रहा है. क्रेमलिन के बाहर पुतिन के विरोध में प्रदर्शन भी शुरू हो गए हैं. पुतिन ने यूक्रेन को जीतने की टाइमलाइन 3 दिन रखी थी, लेकिन 1 महीने बाद भी कीव पर कब्जा नहीं हो पाया है. पुतिन इसकी खीझ अपने मिलिट्री कमांडर पर उतार रहे हैं. अगर ऐसी हालत में अमेरिका और NATO ने यूक्रेन में अपनी सेना उतारी तो यकीन मानिए जो होगा उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती. रूस और अमेरिका के पास 11 हजार से ज्यादा एटम बम हैं. अगर मिसाइलों की तरह एटम बम फटने लगे तो तबाही का विस्तार यूरोप ही नहीं पूरी दुनिया तक हो जाएगा.

Source : Pooja

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