Russia-Ukraine war : रूस यूक्रेन पर अपने हमले की रणनीति में दक्षिणी यूक्रेन को काफी अहम मानता है. यूक्रेन के दक्षिण में रूसी सेनाओं ने अपने अभियान की शुरुआत क्राइमिया से की थी, जिस पर रूस ने साल 2014 में कब्जा किया था. इस क्षेत्र में रूसी सेना की अच्छी खासी मौजूदगी है. मारियुपोल प्रियाजोविया क्षेत्र में काल्मियस नदी के मुहाने पर आजोव सागर के उत्तरी तट पर स्थित है. इसे यूक्रेन का दसवां बड़ा शहर माना जाता है. इस शहर में मुख्य रूप से रूसी भाषी हैं.
60% से 80% यूक्रेनी भाषा के निवासी रूसी संस्कृति के बड़े प्रभाव के कारण सुरझिक में बात करते हैं. अगर मारियुपोल शहर पर रूस का कब्जा होता है तो रूस को यूक्रेन के सबसे बड़े बंदरगाह पर कब्जा मिल जाएगा. इस तरह रूस को क्राइमिया और रूस समर्थित क्षेत्र लुहांस्क और डोनेत्सक तक जाने के लिए जमीनी रास्ता मिल जाएगा. क्राइमिया को अलगाववादी तत्वों के कब्जे वाले क्षेत्र से होकर रूस की सीमा से मिलाने पर रूसी सेना के लिए सामान और लोगों की आवाजाही बहुत आसान हो जाएगी.
साल 2014 में पूर्वी यूक्रेन में तनाव शुरू होने के बाद से रूस इस लक्ष्य को पाना चाहता था. फिलहाल क्राइमिया रूसी जमीन से एक पुल के ज़रिए जुड़ा है जो कि रूस के कब्जे के बाद भारी ख़र्च करके बनाया गया था. मारियुपोल के उत्तर-पश्चिम में रूस ने जेपोरज़िया परमाणु संयंत्र पर कब्जा कर लिया है. सामान्य दिनों में यह परमाणु संयंत्र यूक्रेन के लिए लगभग 20 फीसद बिजली का उत्पादन करता है. ऐसे में इस परमाणु संयंत्र पर कब्ज़ा करके यूक्रेन की ऊर्जा आपूर्ति का एक बड़ा हिस्सा रूस के नियंत्रण में आ गया है.
रूसी सेना ने ख़ेरसोन शहर पर भी कब्ज़ा कर लिया है जहां नाइपर नदी काले सागर में मिलती है. यह इलाक़ा भी यूक्रेन के अंदर घुसने के लिहाज़ से काफ़ी अहम है. अगर रूस पश्चिम की तरफ बढ़ते हुए ओडेसा और उससे आगे बढ़ पाएगा तो यह न सिर्फ समुद्र से यूक्रेन का संपर्क तोड़ देगा, बल्कि इस तरह यूक्रेन तीन तरफ़ से घिर जाएगा.
Source : News Nation Bureau