Russia-Ukraine war: रूस को क्रीमिया से जोड़ने वाले कर्च स्ट्रेट ब्रिज पर भयानक एक्सप्लोजन और आग की तस्वीरें सामने आ रही हैं. यह ब्रिज रूसी सेना के लिए यूक्रेन के साथ युद्ध में काफी ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा था. पुल से गुजरती एक कार्गो ट्रेन में आग लगने के बाद पुल पर ट्रैफिक को रोक दिया गया है. अभी तक जानमाल के नुक्सान की खबर सामने नहीं आई है. ट्विटर पर शेयर तस्वीरों में देखा जा सकता है कि जलती हुई ट्रेन के पास पुल की दोनों सड़क लेन, पूर्वी और पश्चिमी, पानी में धंस गई है. कर्च स्ट्रेट ब्रिज को रूसी ताकत का प्रतीक माना जाता था.
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2014 में रूस ने क्रीमिया पर किया था कब्ज़ा
27 फरवरी 2014 को रूसी सेनाओं ने क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था. रूसी लोगों के बहुमत वाले इस शहर को सोवियत संघ के विघटन के बाद रूस ने यूक्रेन को सौंपा था. कब्जे के बाद 16 मार्च 2014 को क्रीमिया में जनमत संग्रह कराया गया और 21 मार्च 2014 को रूस ने क्रीमिया पर औपचारिक रूप से अपने कब्जे में लिया. इस पुल को बनाने में रूस ने अरबों रुपये खर्च किए थे.
यूक्रेन ने ली हमले की जिम्मेदारी
यूक्रेन के Presidential adviser ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि यह इल्लीगल कंस्ट्रक्शन को तबाह करने की शुरुआत है. अब रूस द्वारा अवैध रूप से बनाई गई हर चीज को खत्म किया जाएगा. इस ब्रिज का तबाह होना यूक्रेन के लिए एक बहुत बड़ी जीत की शुरुआत के रूप में भी देखा जा रहा है. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि अब यूक्रेन अपने कब्जे किए गए इलाकों को वापस लेने की कोशिश कर रहा है.
न्यूक्लियर अटैक की प्रबल संभावना
क्रीमिया ब्रिज पर हमले के बाद अब रूस किसी भी हालत में शांत नहीं बैठेगा. ऐसी स्थिति में रूस के द्वारा न्यूक्लियर अटैक की संभावना प्रबल हो गई है. इस ब्रिज को रूस की शान माना जाता था, जिसे बनाने में करीब अरबों रुपये खर्च किए गए थे. यूक्रेन पर हमले करने के लिए इस ब्रिज ने एक अहम भूमिका अदा की थी. अब अगर रूस यूक्रेन पर न्यूक्लियर अटैक करता है तो दुनिया को दूसरे विश्व युद्ध से भी ज़्यादा बड़ा तबाही का मंज़र देखने को मिलेगा.
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न्यूक्लियर हमले के लिए यूक्रेन तैयार
क्रीमिया ब्रिज पर हमले के बाद यूक्रेन को भी बाकी विश्व की तरह रूस द्वारा न्यूक्लियर हमले की आशंका है, इसलिए यूक्रेन ने पहले से ही अपनी तैयारी शुरू कर दी है. यूक्रेन को आशंका है कि अगर रूस ने यूक्रेन के परमाणु ठिकानों पर हमला किया तो इससे रेडियोएक्टिव विकिरण हो सकता है. इससे बचने के लिए लोग पोटैशियम आयोडाइड पिल्स खरीद रहे हैं. इससे इसकी मांग और कीमत में भारी तेजी देखने को मिल रही है. सीएनएन की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है. सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (CDC) के मुताबिक परमाणु हमले से वातावरण में भारी मात्रा में रेडियोएक्टिव आयोडीन फैल सकता है. यह सांस के जरिए हमारे फेफड़ों तक पहुंच सकता है. पोटैशियम आयोडाइड पिल्स रेडियोएक्टिव आयोडीन के खिलाफ शत प्रतिशत सुरक्षा नहीं देती हैं. CDC का दावा है कि इसकी एक डोज थायरॉइड ग्रंथि को 24 घंटे तक सुरक्षा देती है. एजेंसी का साथ ही कहना है कि सलाह से ज्यादा डोज लेने से गंभीर परेशानी या मौत तक हो सकती है.
Source : Smriti Sharma