यूक्रेन की राजधानी में आज की रात कयामत की रात होगी. अब तक पूरी ताकत से हमला नहीं कर रही रूसी सेना को उसके सुप्रीम कमांडर से 'तबाही' का आदेश मिल चुका है. कभी नाजी जर्मनी को नाको चने चबवा देने वाली रूस की सेना अब हमलावर की भूमिका में है. उसके सामने है कभी उसी का हिस्सा रहा यूक्रेन. दोनों ही देश कभी सुपर पॉवर रहे सोवियत रूस का ही हिस्सा रहे थे, लेकिन अब उनका अतीत उनके वर्तमान पर इस कदर हावी हो चुका है कि यूक्रेन अब तेजी से सिमट रहा है तो रूस अपनी ताकत का विस्तार करता दिख रहा है.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूसी सेना को यूक्रेन पर चौतरफा हमले का आदेश दे दिया है. उन्होंने शुक्रवार को रूसी सेना से हमले की रफ्तार कम रखने को कहा था, लेकिन बातचीत का कोई नतीजा न निकलते देख अपनी सेना को पूरी ताकत से हमला करने का आदेश दे दिया है. रूस के सामने अब जोरदार हमले के अलावा कोई फौरी विकल्प नहीं बचा है, क्योंकि यूक्रेनी सेना तेजी से संगठित हो रही है और उसे इंटरनेशनल सप्लाई मिलने लगी है. जर्मनी, पोलैंड, फ्रांस समेत कई यूरोपीय देश खुलकर यूक्रेन के पक्ष में आ चुके हैं, भले ही उन्होंने अपनी सेना को यूक्रेन न भेजा हो, लेकिन हथियार, पॉवर सप्लाई और पूर्व सैनिकों का जमावड़ा अब यूक्रेन में तेज हो रहा है.
एएफपी ने रूसी रक्षा मंत्री के हवाले से बताया कि राष्ट्रपति ने सेना को नए आदेश दे दिये हैं और अब यूक्रेन की खैर नहीं.
Russian Army ordered to broaden Ukraine advance 'from all directions': AFP News Agency
— ANI (@ANI) February 26, 2022
स्पूतनिक ने भी ये खबर दी है. स्पूतनिक के मुताबिक, पुतिन को उम्मीद थी कि यूक्रेन उसके शुरुआती हमलों से बैकफुट पर आ जाएगा और बातचीत की टेबल पर सभी मुद्दे सुलझ जाएंगे. लेकिन कीव के साथ कोई समझौता न होते देख क्रेमलिन ने अब तबाही का आदेश दे दिया है. ये नया आदेश शनिवार की दोपहर में राष्ट्रपति ने दिया.
Russian President ordered a temporary halt to the Russian military operation in Ukraine on Friday afternoon in connection with the expectation of negotiations with Kiev, but the operation was resumed Saturday afternoon after the Ukrainian leadership refused to talk: Sputnik
— ANI (@ANI) February 26, 2022
HIGHLIGHTS
- अब यूक्रेन पर हर तरफ से होगा हमला
- रूसी राष्ट्रपति ने दे दिया तबाही के आदेश
- शुक्रवार दोपहर से रूसी सेना ने धीमी कर दी थी हमले की रफ्तार